4 मौके जब विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने टेस्ट सीरीज़ में पिछड़ने के बाद मैच जीता

विराट कोहली की कप्तानी में कई बार ऐसा हुआ है जब टीम इंडिया ने मुश्किल हालात के बाद भी विपक्षी टीम को माकूल जवाब दिया है। कोहली एक आक्रामक और जोशीले कप्तान हैं, वो अपनी टीम को प्रेरणा देने में माहिर हैं। हम यहां उन 4 मौकों की बात कर रहे हैं जब विराट के नेतृत्व में टीम इंडिया ने टेस्ट सीरीज में शुरुआती मैच हारने के बावजूद विपक्षी टीम के ख़िलाफ़ मैच जीता है। भारत बनाम श्रीलंका, कोलंबो 2015 एक फ़ुल टाइम कप्तान के तौर पर ये विराट कोहली की ये पहली सीरीज़ थी। पहला टेस्ट गॉल के मैदान में खेला गया था। भारत को इस मैच में जीत के लिए 176 रन का लक्ष्य मिला था, लेकिन पूरी टीम इंडिया महज़ 112 रन ही बना सकी। हेराथ की घातक गेंदबाज़ी का सामना करने में कोहली की टीम नाकाम रही। इसके बाद कोलंबो में हुए दूसरे टेस्ट मैच में केएल राहुल ने 108 रन बनाए और भारत का स्कोर पहली पारी में 393 रन हो गया। फिर भारतीय गेंदबाज़ों ने श्रीलंका को 303 रन पर रोक दिया। भारत ने अपनी दूसरी पारी 325/8 पर घोषित कर दी और श्रीलंका को 431 रन का लक्ष्य दिया। भारतीय स्पिनर्स ने श्रीलंका की दूसरी पारी 134 रन पर समेट दी और भारत ये मैच 278 रन से जीत गया। टीम इंडिया ने इस सीरीज़ का तीसरा मैच भी जीत लिया और टेस्ट सीरीज़ पर 2-1 से कब्ज़ा जमाया।भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, बेंगलुरु, मई 2017 साल 2017 में ऑस्ट्रेलियाई टीम 4 मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेलने भारत के दौरे पर आई थी। पुणे में हुए पहले टेस्ट मैच में भारत को मेहमान टीम के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। अगला टेस्ट बैंगलौर में खेला गया, जहां पहली पारी में टीम इंडिया 189 पर ऑल आउट हो गई। इसके जवाब में कंगारू टीम ने 279 रन बनाए। दूसरी पारी में भारत ने थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया और मेहमान को जीत के लिए 188 रन का लक्ष्य दिया। फिर अश्विन और जडेजा की घातक गेंदबाज़ी की बदौलत ऑस्ट्रेलियाई टीम 112 रन पर सिमट गई और भारत ने सीरीज़ में 1-1 से बराबरी कर ली। सीरीज़ को तीसरा मैच ड्रॉ रहा और चौथे मैच में भारत ने जीत दर्ज की। भारत ने ये सीरीज़ 2-1 से जीत ली थी।भारत बनाम दक्षिण अफ़्रीका, जोहांसबर्ग 2018 इस साल की शुरुआत में विराट कोहली की टीम दक्षिण के दौरे पर 3 टेस्ट मैच की सीरीज़ खेलने गई थी। मेज़बान टीम ने केप टाउट और सेंचुरियन टेस्ट जीतकर 2-0 की अपराजेय बढ़त हासिल कर ली थी। सीरीज़ का तीसरा और आख़िरी टेस्ट मैच जोहांसबर्ग के वांडरर्स में खेला जाने वाला था। टीम इंडिया को अपनी लाज बचाने के लिए ये मैच जीतना बेहद ज़रूरी था, क्योंकि वो सीरीज़ तो पहले ही गंवा चुकी थी। कोहली ने तीसरे टेस्ट में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया। टीम इंडिया पहली पारी में महज़ 187 रन पर सिमट गई। फिर भारतीय गेंदबाज़ों ने जवाबी हमला करते हुए दक्षिण अफ़्रीका को 192 रन पर रोक दिया।भारत ने दूसरी पारी में 247 रन बनाया और मेहमान को जीत के लिए 241 रन का लक्ष्य रखा। इसके जवाब में दक्षिण अफ़्रीकी टीम 177 रन पर ऑल आउट हो गई और भारत ने ये मैच जीत लिया।भारत बनाम इंग्लैंड, ट्रेंट ब्रिज, अगस्त 2018 भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड के ख़िलाफ़ इस वक़्त 5 मैच की टेस्ट सीरीज़ खेल रही है। पहला टेस्ट मैच एजबेस्टन में खेला गया जहां विराट कोहली के अलावा कोई भी भारतीय बल्लेबाज़ अंग्रेज़ों का सामना नहीं कर पाया। इस मैच में भारत को जीत के लिए 194 रन का लक्ष्य मिला था लेकिन पूरी टीम इंडिया महज़ 162 रन पर सिमट गई। दूसरा टेस्ट मैच लॉर्ड्स के मैदान में खेला गया, लेकिन यहां भी भारतीय टीम अपना कमाल दिखाने में नाकाम रही। भारत को पारी और 159 रन से हार का सामना करना पड़ा। तीसरा टेस्ट ट्रेंट ब्रिज में खेला गया जहां इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फ़ैसला किया। भारत ने बल्लेबाज़ी करते हुए पहली पारी में 329 रन बनाया। इसके जवाब में इंग्लैंड की पूरी टीम 161 रन पर सिमट गई, हार्दिक पांड्या ने अपनी स्विंग के जाल में अंग्रेज़ों को फंसा लिया। दूसरी पारी में भी भारत ने शानदार बल्लेबाज़ी की और इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 521 रन का विशाल लक्ष्य रखा। इंग्लैंड ने जीत के लिए थोड़ी जद्दोजहद की और चौथे दिन के आख़िरी तक 9 विकेट खोकर 311 रन बना लिए। 5वें दिन अंग्रेजों का आख़िरी विकेट भी गिर गया और भारत ने ये टेस्ट मैच जीत लिया। भारत अभी इस सीरीज़ में 1-2 से पीछे है और अभी उसे 2 टेस्ट मैच और खेलना है। इस जीत से टीम इंडिया की उम्मीदें ज़रूर बढ़ी होंगी और उन्हें बाक़ी टेस्ट मैच जीतने का हौंसला मिला होगा। लेखक- अभिषेक अनुवादक- शारिक़ुल होदा

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