रोहित शर्मा के करियर के 4 टर्निंग पॉइंट

एशिया कप शुरू होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं, एशिया महाद्वीप के सूरमा एक दूसरे के ख़िलाफ़ बादशाहत की जंग लड़ेंगे। भारतीय चयनकर्ताओं ने इस टूर्नामेंट के लिए विराट कोहली को आराम दिया है। कोहली की ग़ैरमौजूदगी में रोहित शर्मा को वनडे टीम की कप्तानी सौंपी गई है। साल 2013 से पहले रोहित का रिकॉर्ड इतना शानदार नहीं था लेकिन मौजूदा वक़्त में उन्होंने अपने नाम बल्लेबाज़ी के कई रिकॉर्ड्स अपने नाम किए हैं। हम यहां रोहित शर्मा के करियर के 4 टर्निंग प्वाइंट्स को लेकर चर्चा कर रहे हैं। #4 आईसीसी वर्ल्ड कप 2011 से रोहित शर्मा का टीम इंडिया से बाहर होना साल 2011 के क्रिकेट वर्ल्ड कप का चयन चेन्नई में हुआ था जिसमें 15 खिलाड़ियों जगह दी गई थी। सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि रोहित शर्मा को टीम में शामिल नहीं किया गया। रोहित शर्मा ने वर्ल्ड कप से पहले हुए दक्षिण अफ़्रीकी दौरे पर बुरा प्रदर्शन किया था, यही उनकी नकामी की वजह बनी। अपने ही देश में वर्ल्ड कप न खेल पाना रोहित के लिए निराशा की वजह बनी थी। इसका असर ये हुआ कि रोहित ने ज़्यादा मेहनत शुरू कर दी, और आगे चलकर वो टीम इंडिया का हिस्सा बने। #3 पहला दोहरा शतक भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 5 मैचों की वनडे सीरीज़ जारी थी। सीरीज़ 2-2 से बराबरी पर था, निर्णायक मैच चिन्नास्वामी के मैदान में खेला जाना था। पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी भारतीय टीम का पहला विकेट जल्द ही गिर गया। शिखर धवन को ज़ेवियर दोहेरटी ने आउट कर दिया। इसके बाद रोहित शर्मा बल्लेबाज़ी करने मैदान में आए फिर धमाल मचाना शुरू कर दिया। उन्होंने 12 चौके और 16 छक्के की मदद से दोहरा शतक लगाया। ये वनडे इतिहास का तीसरा दोहरा शतक था। इसी पारी की बदौलत टीम इंडिया ने मैच 57 रन और सीरीज़ 3-2 से जीत ली। इस दोहरे शतक ने रोहित के करियर को पूरी तरह बदल कर रख दिया। उन्हें ‘हिटमैन’ के नाम से पुकारा जाने लगा #2 मुंबई इंडियंस टीम की कप्तानी मिलना नाज़ुक मौके पर आसानी से विकेट गंवाने की वजह से रोहित शर्मा की अकसर आलोचनाएं होती थीं। वो उस वक़्त भी दुनिया के बेहद हुनरमंद खिलाड़ी थे, लेकिन वो लगातार अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहते। इसकी वजह से वो टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की नहीं कर पा रहे थे। आईपीएल 2013 की शुरुआत में रिकी पोंटिंग मुंबई इंडियंस की कप्तानी कर रहे थे, लेकिन अच्छी बल्लेबाज़ी न कर पाने की वजह से उन्होंने कप्तानी से इस्तीफ़ा दे दिया। रोहित को टीम का नया कप्तान बनाया गया। रोहित की कप्तानी में मुंबई इंडियंस ने साल 2013 का आईपीएल ख़िताब जीता था। कप्तान बनने के बाद रोहित ज़्यादा ज़िम्मेदारी से बल्लेबाज़ी करने लगे और अपने विकेट की अहमियत समझने लगे। #1 जब रोहित को ओपनिंग के लिए भेजा गया किसी भी खिलाड़ी का करियर उस वक़्त ऊंचाइयों पर पहुंच जाता है जब टीम के कप्तान का उसे भरपूर साथ मिलता है। धोनी को रोहित के क़ाबिलियत पर पूरा भरोसा था, यही वजह रही कि आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी 2013 में रोहित को ओपनिंग के लिए भेजा गया। रोहित ने कप्तान धोनी के भरोसे की लाज रखी। यहां से रोहित ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 2012 तक रोहित ने 86 मैच में 30.43 की औसत से महज़ 1978 रन बनाए थे, जिसमें 2 शतक शामिल थे। 2013 से लेकर अब तक उन्होंने 56.11 की औसत से 4770 रन बनाए हैं। धोनी के फ़ैसले ने रोहित की ज़िंदगी को पूरी तरह बदलकर रख दिया। लेखक- प्रथमेश पाटिल अनुवादक- शारिक़ुल होदा