किसी भी खिलाड़ी का करियर उस वक़्त ऊंचाइयों पर पहुंच जाता है जब टीम के कप्तान का उसे भरपूर साथ मिलता है। धोनी को रोहित के क़ाबिलियत पर पूरा भरोसा था, यही वजह रही कि आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी 2013 में रोहित को ओपनिंग के लिए भेजा गया। रोहित ने कप्तान धोनी के भरोसे की लाज रखी। यहां से रोहित ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 2012 तक रोहित ने 86 मैच में 30.43 की औसत से महज़ 1978 रन बनाए थे, जिसमें 2 शतक शामिल थे। 2013 से लेकर अब तक उन्होंने 56.11 की औसत से 4770 रन बनाए हैं। धोनी के फ़ैसले ने रोहित की ज़िंदगी को पूरी तरह बदलकर रख दिया। लेखक- प्रथमेश पाटिल अनुवादक- शारिक़ुल होदा
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