क्रिकेट का टी-20 प्रारूप इस समय सबसे ज़्यादा तेज़ी से बढ़ने वाला प्रारूप है। पहली बार 2003 में इस पर विचार हुआ था और धीरे-धीरे आज यह सबसे लोकप्रिय फॉर्मेट बन गया है। कुछ खिलाड़ियों ने अन्य प्रारूपों को छोड़कर सिर्फ इसी प्रारूप में अपना ध्यान दिया है। ग़ौरतलब है कि पहला टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच फरवरी, 2005 में ऑकलैंड में खेला गया था। कई पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि टी 20 को केवल क्लब स्तर तक ही सीमित किया जाना चाहिए और इसमें अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियो को उनकी राष्ट्रीय टीम में जगह मिलनी चाहिए। आजकल ज़्यादातर टी -20 क्रिकेट फ्रेंचाइजी लीग में ही खेला ही जाता है और कई बार ऐसा भी होता कि इन लीगों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी अंतराष्ट्रीय टी-20 मैचों में फिसड्डी साबित होते हैं। तो आइए नज़र डालते हैं ऐसे 4 खिलाड़ियों पर जिन्होंने देसी और विदेशी लीगों में अच्छा खेल दिखाया है लेकिन टी-20 क्रिकेट में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वे फ्लॉप रहे हैं:
आंद्रे रसेल
आंद्रे रसेल टी 20 प्रारूप में सबसे खतरनाक ऑलराउंडर्स में से एक हैं। रसेल कई सालों से क्रिकेट खेल रहे हैं और उन्हें दुनिया भर की टी-20 क्रिकेट लीग में खेलने का अनुभव है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हालांकि आंद्रे ने काफी क्रिकेट नहीं खेला है। उन्हें वेस्टइंडीज के लिए 44 मैचों में शिरकत करते हुए 192 की स्ट्राइक रेट से और 15 की निराशाजनक औसत के साथ केवल 366 रन बनाए हैं। वहीं गेंद के साथ, उन्होंने 9 से अधिक की महंगी इकोनॉमी रेट से केवल 23 विकेट लिए हैं। बोर्ड के साथ विवादों की वजह से वह वेस्टइंडीज टीम के अंदर और बाहर होते रहे हैं।
स्टीव स्मिथ
ऑस्ट्रेलियाई रन-स्कोरिंग 'मशीन' स्टीव स्मिथ को ब्रैडमैन के बाद ऑस्ट्रेलिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की फेहरिस्त में शामिल किया गया है। टेस्ट प्रारूप में असाधारण प्रदर्शन के बावजूद वह टी-20 प्रारूप में यह प्रदर्शन दोहरा नहीं पाए हैं। स्मिथ ने 30 टी-20 मैचों में 21 की औसत से सिर्फ 431 रन बनाए हैं। यह आश्चर्यजनक बात है कि स्मिथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असफल रहे, जबकि उनकी तुलना में कोहली, विलियमसन और रूट ने इस प्रारूप में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। आईपीएल में कई सालों से स्मिथ ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया है। उन्होंने 2011-12 में सिडनी सिक्सर्स के कप्तान के रूप में बीबीएल खिताब भी जीता है। स्मिथ ने टोरंटो नेशनल के लिए भी कई मैच खेले हैं और ज़बरदस्त प्रदर्शन किया है।
किरोन पोलार्ड
किरोन पोलार्ड को टी-20 प्रारूप के सबसे शक्तिशाली हिटर्स में से एक माना जाता है। पोलार्ड ने मध्य और निचले क्रम पर बल्लेबाज़ी करते हुए वेस्टइंडीज़ को कई मैच जिताये हैं। मैदान में वह सबसे अच्छे एथलीटों में से एक हैं और एक शानदार ऑल-राउंडर हैं। वह आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए और अन्य विश्व भर में खेले जाने वाली टी -20 लीगों में विभिन्न टीमों के लिए खेलते आये हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि पोलार्ड वेस्ट इंडीज़ के लिए टी-20 प्रारूप में वैसा प्रदर्शन नहीं किया है जिसके लिए वह जाने जाते हैं। आंकड़ों की बात करें तो पोलार्ड ने अपनी राष्ट्रीय टीम की ओर से 56 मैचों में लगभग 20 की औसत के साथ केवल 768 रन बनाए हैं। इसके अलावा उन्होंने इन 56 टी-20 मैचों में केवल 39 बार गेंद को सीमा-रेखा के पार पहुँचाया है।
रविंद्र जडेजा
सौराष्ट्र के उभरते खिलाड़ी से लेकर 'सर' रविंद्र जडेजा बनने तक, इस हरफनमौला खिलाड़ी ने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। भारत के लिए टेस्ट और वनडे प्रारूप में उनका प्रदर्शन बढ़िया रहा है, लेकिन जहां तक बात है टी-20 में उनके प्रदर्शन की, तो आईपीएल नीलामी में एक बार 2 मिलियन डॉलर में बिकने वाले इस खिलाड़ी ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया है। जडेजा ने 40 अंतराष्ट्रीय टी-20 मैचों में 7.2 की इकोनॉमी रेट से केवल 31 विकेट लिए हैं और बल्लेबाज़ी में 100 से नीचे की स्ट्राइक रेट और 9 की निराशाजनक औसत के साथ रन बनाए हैं। आपको बता दें जडेजा लगभग एक साल से भारत की टी-20 और वनडे टीमों से बाहर चल रहे हैं। उन्होंने अपना आखिरी टी-20 और वनडे मैच पिछले साल वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ जुलाई में खेला था। ऐसे में टीम इंडिया में कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की मौजूदगी में उनका टीम में वापसी करना और भी ज़्यादा मुश्किल हो गया है। लेखक: अथर्वा आप्टे अनुवादक: आशीष कुमार