टेस्ट मैचों में विकेटकीपिंग क्रिकेट के खेल में सबसे कठिन कार्यों में से एक है। उन्हें हर समय चौकन्ना रहना पड़ता है और उनका 1 मिनट भी ढीला पड़ना पूरी टीम को भारी पड़ सकता है। अफगानिस्तान के खिलाफ टेस्ट से ठीक पहले, भारत को इस लंबे प्रारूप में भारत के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा को चोटिल होने की वजह से टीम से बाहर रखना पड़ा। इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान उनके कंधे में चोट आई थी। 33 वर्षीय विकेटकीपर को टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे के लिए भी बाहर रखा गया क्योंकि अभी तक वह फिट नहीं हो पाए हैं। ऐसे में दिनेश कार्तिक टीम इंडिया में चोटिल ऋद्धिमान साहा की जगह लेने टेस्ट प्रारूप में लंबे समय बाद लौट आए हैं। इंग्लैंड में कार्तिक ने विकेट के पीछे बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और लगभग उनका तरफ आता हर कैच उनके दस्ताने में गया है। हालाँकि बल्ले के साथ, कार्तिक अपेक्षा अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए और वह तीन मौकों पर सिर्फ 24 रन ही बना सके हैं। ऐसे में जबकि, कार्तिक बल्ले से कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं, टीम इंडिया को दूसरे विकल्पों पर ध्यान देना होगा। आइये ऐसे चार खिलाड़ियों की एक सूची पर नज़र डालते हैं जो साहा के फिट होने तक टीम इंडिया में विकेटकीपर बल्लेबाज़ की भूमिका निभा सकते हैं: ऋषभ पंत युवा विकेटकीपर बल्लेबाज़ ऋषभ पंत, दिल्ली डेयरडेविल्स के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। वह किसी भी गेंद को बॉउंड्री के पार पहुँचाने में सक्षम हैं। दिल्ली डेयरडेविल्स ने इस साल पंत को टीम में रिटेन किया था और उन्होंने टीम प्रबंधन को निराश नहीं किया। आईपीएल में उन्होंने 684 रन के साथऑरेंज कैप पर भी कब्ज़ा किया। इसके अलावा उन्होंने इंग्लैंड में इंडिया ए के लिए भी प्रदर्शन किया। ऐसे में टीम इंडिया में विकेटकीपर बल्लेबाज़ के स्लॉट के लिए वह आर्दश विकल्प साबित हो सकते हैं। ईशान किशन इस सूची में बिहार के बाएँ हाथ के विकेटकीपर-बल्लेबाज का नाम दूसरे नंबर पर आता है। अपने हाल के प्रदर्शन से ईशान किशन ने सबको प्रभावित किया है। उन्होंने घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया है। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद उन्हें मुंबई इंडियंस ने आईपीएल नीलामी में 6.2 करोड़ रुपये में खरीदा था। टीम युवा प्रतिभा में विश्वास करती थी और वह टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य साबित हुए हैं। भारतीय टीम में उन्होंने अपनी दावेदार ओर मज़बूत की है, ऐसे में एक अदद विकेटकीपर बल्लेबाज़ के विकल्प के रूप में उन्हें टीम इंडिया में चुना जा सकता है। श्रीकर भरत श्रीकर भरत ने 19 साल की उम्र में आंध्र प्रदेश के लिए रणजी ट्रॉफी से अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। यह विकेटकीपर-बल्लेबाज पिछले कुछ सालों से अपनी घरेलू टीम आंध्र प्रदेश के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहा है। प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत के बाद से, ही उन्होंने एक बल्लेबाज और विकेटकीपर के रूप में अपने खेल का स्तर ऊँचा उठाया है। फरवरी 2015 में भरत रणजी ट्रॉफी में एक तिहरा शतक लगाने वाले सबसे कम उम्र के विकेटकीपर बल्लेबाज बने थे, यह रिकार्ड अब ऋषभ पंत के नाम पर है। अभी तक चयनकर्तायों का ध्यान उन पर नहीं गया है और वह फिलहाल नियमित तौर पर भारत ए के लिए खेलते हैं। अगर वह अपना अच्छा प्रदर्शन लगातार जारी रखते हैं तो निश्चित रूप से वह टीम इंडिया में अपनी जगह बनाने में कामयाब होंगे। संजू सैमसन अपनी घरेलू टीम केरल के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन ने घरेलू सत्र में रणजी ट्रॉफी में बहुत शानदार प्रदर्शन किया है और भारतीय चयनकर्ता उनके उम्दा प्रदर्शन पर लगातार अपनी नजर बनाए हुए हैं। वह लगातार अच्छा खेल रहे हैं। भविष्य में वह भारतीय टीम के लिए एक शानदार विकल्प हो सकते हैं। संजू को साल 2014 इंग्लैंड दौरे पर पहली बार भारतीय टीम में जगह मिली, उन्हें एमएस धोनी के बैक-अप के रूप में जगह दी गई। एक साल के अन्तराल के बाद 2015 में उन्हें भारतीय टीम के लिए पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने मौका मिला, उन्होंने ज़िम्बाब्वे के खिलाफ एकमात्र टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। उसके बाद से हालाँकि उन्हें सही समय पर टीम में मौका नहीं मिल पाया है। रणजी ट्रॉफी के सत्र 2017-18 के 5 मैचों में 62.33 के औसत के साथ संजू सैमसन ने 561 रन बनाए। इस साल खेले गए आईपीएल 2018 में भी उनकी बल्लेबाजी उम्दा रही और उन्होंने एक शतक भी अपने नाम किया। ऐसे में संजू सैमसन भारतीय टीम के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प साबित हो सकते हैं। लेखक: विश्वनाथ आरटी अनुवादक: आशीष कुमार