स्टीवन स्मिथ के भारतीय फील्डरों ने एक के बाद एक तीन कैच छोड़े। स्मिथ ने इसका खूब फायदा उठाया और 109 रनों की पारी खेली। उनके दो कैच सब्स्टीट्यूट फील्डर अभिनव मुकुंद ने छोड़े, तो एक कैच मुरली विजय ने टपकाया। स्मिथ के अलावा मैच रेनशॉ को भी जीवनदान मिला। इसके अलावा मिचेल मार्श के भी कैच छोड़े गए और उन्होंने स्मिथ का अच्छा साथ निभाते हुए ऑस्ट्रेलिया को बड़े स्कोर की ओर बढ़ाया। अगर टीम इंडिया स्मिथ का विकेट जल्दी ले पाती तो ऑस्ट्रेलिया को 100 से 150 के आसपास लुढ़काया जा सकता था। और 300 रनों की अगर लीड चौथी पारी में होती तो टीम इंडिया पर दबाव कम होता और शायद टीम इंडिया पलटवार कर सकती थी। ऐसी पिच जहां पर गेंद से कहीं से भी टर्न हो रही हो, भारतीय फील्डर्स को चुस्त रहना चाहिए था। लेकिन भारतीय फील्डर्स की सुस्ती के चलते भारत इस मैच को गंवा बैठा। भारतीय फील्डर्स को ऑस्ट्रेलियाई फील्डर्स से सीखने की जरूरत है, खासकर पीटर हैंड्सकॉम्ब से जिन्होंने 3 कैच पकड़े। स्लिप कैचिंग पिछले कुछ सालों से भारतीय टीम के लिए सिरदर्द बना हुआ है। ऐसे में भारतीय टीम को समय रहते अपनी इस कमजोरी पर भी काम करना होगा क्योंकि अमूमन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ज्यादा मौके नहीं देते।