पहली पारी में डेविड वॉर्नर ने 77 गेंदे खेली और 6 चौके जड़े तो उनका बाउंड्री प्रतिशत हुआ 12.83। जो कि उनके करियर बाउंड्री प्रतिशत 9.72 से भी ज्यादा है। जाहिर तौर पर इस रैवये से पता चलता है, कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने कितने धैर्य से बल्लेबाज की। वॉर्नर जैसे विस्फोटक बल्लेबाज ने आक्रामक न होकर धीमे खेला। वहीं भारतीय बल्लेबाजों में धैर्य की कमी दिखी। पहली पारी में मुरली विजय, केएल राहुल और विराट कोहली ने ऐसी गेंदों पर अपने विकेट खोए जहां पर विकेट नहीं देने चाहिए थे। ऑस्ट्रेलिया की 333 रन की बड़ी जीत कोई तुक्का नहीं है, ये जीत बताती है कि कंगारू टीम यहां पूरी तैयारी के साथ आई है। उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों पर अच्छा होमवर्क किया है। इसके अलावा किस्मत भी ऑस्ट्रेलिया के साथ रही। जिस तरह से कई खिलाड़ियों के कैच छोड़े गए और अंपायर के भी कुछ गलत फैसले ऑस्ट्रेलिया के हक में गए। अब बैंगलोर में होने वाले दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम बाउंस बैक की कोशिश करेगी। जिससे सीरीज का रोमांच दोगुना हो जाएगा।