भारतीय टीम में कोच और कप्तान के बीच उठा विवाद अब थम चुका है। रवि शास्त्री टीम के डायरेक्टर नियुक्त किए जा चुके हैं। इसलिए पूरी टीम का ध्यान अब सिर्फ और सिर्फ खेल पर ही रहेगा। इस समय भारतीय टीम श्रीलंका में टेस्ट सीरीज खेल रही है। पहला टेस्ट मैच भारत ने शानदार तरीके से जीतकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है। पिछले साल भारतीय टीम ने ज्यादातर टेस्ट मैच अपनी घरेलू पिच पर खेले। लेकिन अब टीम को एशिया से बाहर पिचों पर खेलने के लिए तैयारी पूरी कर लेनी चाहिए। अगले कुछ महीनो में भारतीय टीम को विदेशी सरजमीं पर मैच खेलने हैं। हालांकि भारतीय टीम हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल तक पहुंची। लेकिन उसका असली इम्तिहान तो टेस्ट मैचो में होगा। जहां बल्लेबाजों के धैर्य और संयम की कड़ी परीक्षा ली जाती है। एशिया की पिचों से तो टीम अच्छी तरह वाकिफ है लेकिन विदेशी पिचों पर जीत हासिल करने के लिए टीम को कड़ी मेहनत करनी होगी। आइए आपको बताते हैं वे कौन से 5 एरिया हैं जहां भारतीय टीम सुधार ला सकती है। स्लिप कॉर्डन ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका की बाउंसी पिचों पर स्लिप का एरिया किसी भी टीम के लिए काफी अहम हो जाता है। बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में कैच काफी जाते हैं। ऐसे में स्लिप के एरिया में फुर्तीले फील्डरों की जरुरत होती है। कुछ साल पहले तक भारतीय टीम में स्लिप के स्पेशलिस्ट फील्डर थे। राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण स्लिप के बेहतरीन फील्डर थे। लेकिन इनके संन्यास लेने के बाद भारतीय टीम को अब ये कमी खल रही है। अभी तक ऐसा कोई फील्डर दिखा नही है जो कि इन दोनों खिलाड़ियों की जगह ले सकी। कप्तान कोहली खुद कई बार स्लिप में कैच ड्रॉप कर चुके हैं। टीम को इस एरिया में अभी काफी मेहनत की जरुरत है। 4. हार्दिक पांड्या की तरह ऑलराउंडर हमेशा से ही भारतीय टीम को एक ऐसे ऑलराउंडर की कमी खली है जो कि बल्लेबाजी के अलावा अच्छी गति से गेंदबाजी भी कर सके। हार्दिक पांड्या ने जरुर टीम में एक उम्मीद की किरण पैदा की है। हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने अपना टेस्ट डेब्यू किया और डेब्यू मैच में ही अच्छी पारी खेली। हार्दिक पांड्या गेंदबाजी भी अच्छी करते हैं। कप्तान कोहली खुद कह चुके हैं कि पांड्या एक विकेट टेकिंग गेंदबाज हैं। उनके टीम में रहने से बल्लेबाजी क्रम में एक बैलेंस आता है और एक एक्स्ट्रा बल्लेबाज का लाभ मिलता है। पांड्या इस वक्त अच्छी फॉर्म में भी हैं। हाल ही में विदेशी दौरों पर उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है। नवंबर में भारतीय टीम को साउथ अफ्रीका का दौरा करना है। ऐसे में संभावना पूरी है कि पांड्या को टीम में जगह जरुर मिलेगी। 3. टीम का नंबर वन स्पिनर कौन ? ऐसा लगता है कि कप्तान कोहली टेस्ट मैचो में अभी भी अपने अंतिम 11 का परमानेंट चुनाव नहीं कर पा रहे हैं। इसी वजह से टीम के स्पिनर भी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। अगर भारत के पिछले कुछ विदेशी दौरों को देखें तो टीम को दो प्रमुख स्पिनरों रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। वहीं दूसरी तरफ कुलदीप यादव ने अभी तक उतने टेस्ट मैच नही खेले हैं जिससे वे अपने दम पर टीम में जगह बना सकें। हालांकि कई क्रिकेटर कुलदीप यादव को तीनों ही प्रारुपों में शामिल करने की सलाह दे रहे हैं। कप्तान कोहली को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए ताकि ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका दौरे पर ये कमी ना खले। 2. मिडिल ऑर्डर कॉम्बिनेशन किसी भी टीम के लिए मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजी का काफी महत्व होता है। अगर मध्यक्रम की बल्लेबाजी में गहराई और अनुभव है तो उस टीम के बड़े स्कोर करने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। भारतीय टीम में भी मध्यक्रम में काफी सारे स्टार बल्लेबाज हैं लेकिन टीम को अभी बेस्ट कॉम्बिनेशन नहीं मिल पाया है। फॉर्म और फिटनेस को लेकर रोहित शर्मा टीम से अंदर-बाहर होते रहते हैं। वहीं दूसरे बल्लेबाजों का भी प्रदर्शन उतना शानदार नही रहा है कि उन पर एकदम से भरोसा किया जा सके। पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक जड़कर करुण नायर ने जरुर उम्मीद जगाई थी। लेकिन उसके बाद के मैचो में वो लगातार फ्लॉप रहे। हालांकि उपकप्तान अंजिक्या रहाणे जरुर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन वो सलामी बल्लेबाज हैं। विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा और रिद्धिमान साहा की जगह टीम में पक्की हो चुकी है। लेकिन एक बल्लेबाज की कमी अभी जरुर टीम मे है। 1. ओपनिंग बल्लेबाजी ये वो एरिया है जहां टीम को सबसे ज्यादा सोचने की जरुरत है। पिछले कुछ सालों के रिकॉर्ड को देखें तो एक ना एक सलामी बल्लेबाज फ्लॉप हुआ है। जिससे टीम को अच्छी शुरुआत नही मिल पाई है। जब मुरली विजय फॉर्म मे होते थे थो के एल राहुल जल्दी आउट हो जाते थे और जब के एल राहुल अच्छा खेल रहे होते थे तो मुरली विजय अपनी एक्रागता खो देते थे। एशिया से बाहर अगर भारतीय टीम को बड़ा स्कोर बनाना है तो सलामी बल्लेबाजों को अच्छी शुरुआत देनी होगी। शिखर धवन, मुरली विजय, के एल राहुल और अभिनव मुकुंद टीम में सलामी बल्लेबाज के तौर पर खेल रहे हैं। रोहित शर्मा और अंजिक्या रहाणे अंदर-बाहर होते रहते हैं। ऐसे में टीम को जल्द ही अपना एक स्टेबल ओपनिंग कॉम्बिनेशन चुनना होगा। लेखक- सुमेध अनुवादक-सावन गुप्ता