साल 2015 में दक्षिण के खिलाफ घरेलू सीरिज में अधूरी तैयार पिचों पर भारतीय बल्लेबाजों की पोल खुल गयी थी। लेकिन बाकी के सीजन 2016/17 के टेस्ट मैचों में भारतीय टीम ने बड़े स्कोर बनाये। वहीं फील्डिंग के दौरान कप्तान कोहली विपक्षी बल्लेबाजों को हमेशा आक्रामक फील्ड सेटिंग से घेरने की कोशिश करते रहे हैं। जबकि कई बार विपक्षी बल्लेबाज़ आक्रामक स्ट्रोक भी खेल रहे होते थे, तब भी कोहली उनके क्लोज ही फीलर लगाते रहे हैं। जो एक तरह से निरर्थक साबित होता रहा है। इस बात को लेकर कोहली को सतर्क रहना होगा जब वह विदेशी दौरे पर होंगे। तो उन्हें इस चीज का नुकसान झेलना पड़ सकता है।
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