भारतीय खिलाड़ी होने के नाते, उनके ऊपर प्रदर्शन का बहुत ज्यादा दबाव होगा। कुंबले जब खुद कप्तान थे, तो वो अपने खिलाड़ियों को ज्यादा मौका देते थे और खराब प्रदर्शन करने पर टीम से बाहर नहीं बिठा देते थे। उनके पास 20 साल तक खेलने का अनुभव है और यह उन्हें आगे बढने में भी मदद करेगा। वो घरेलू क्रिकेट को अच्छे से समझते हैं और उन्हें पता है कि इस टीम को कैसे आगे बढ़ाना है। उन्हें यह भी पता हैं कि किस खिलाड़ी को कौन रिपलेस कर सकता है, जोकि इन्हें टीम बनाने में काफी मदद करेगा।
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