अनिल कुंबले का अनुबंध सिर्फ एक साल का ही है, तो 2019 के विश्व कप को देखते हुए उनके योगदान के बारे में कहना अभी थोड़ी जल्दबाज़ी होगी। अगला आईसीसी इवेंट जो होने वाला है, वो है 2017 चैंपियंस ट्रॉफी जहां वो अपनी छाप छोड़ना चाहेंगे। भारत 2017 में अपने खिताब का बचाव करने की कोशिश करेगा और उसपर काफी दबाव भी होगा। कुंबले को इंग्लिश कंडिशंस की भी अच्छी समझ है, लिहाज़ा उनका रोल इसमें काफी अहम हो जाएगा और इस बड़े टूर्नामेंट के लिए वो अच्छे खिलाड़ियों का चयन करेंगे। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और मुंबई इंडियंस के साथ जब वो जुड़े हुए थे, तब उनका स्वभाव काफी शांत था और टीम इंडिया को इस समय ऐसे ही कोच की जरूरत है। लेखक- मनीष पाठक, अनुवादक- मयंक महता
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