क्रिकेट के खेल में कई महान खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने अपने खेल के दम पर विश्व में अपनी छाप छोड़ी है। इसमें ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का नाम भी काफी आगे रहता है। ऑस्ट्रेलिया से भी कई शानदार खिलाड़ी देखने को मिले हैं। हालांकि कई क्रिकेटर्स ऐसे भी हुए जिनके अपनी प्रतिभा के मुताबिक ज्यादा मौके नहीं मिल पाए और उनका करियर ज्यादा लंबा नहीं रह सका। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम में ऐसे कई खिलाड़ी मौजूद थे जिन्होंने टीम के लिए बेहतर खेल दिखाया लेकिन एक बार टीम से बाहर निकाले जाने के बाद उन्हें फिर से टीम में मौका नहीं मिला।
आइए जानते हैं ऐसे ही पांच ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के बारे में जो अपने देश के लिए प्रतिभा होने के बावजूद भी ज्यादा नहीं खेल पाए।
#5 स्टुअर्ट लॉ
पूर्व मध्यक्रम के बल्लेबाज क्वींसलैंड के लिए ऑस्ट्रेलियाई घरेलू स्तर पर सबसे शानदार खिलाड़ियों में से एक थे। 1988-89 में अपनी शुरुआत करने के बाद स्टुअर्ट ने 1994 में पर्थ में अपना राष्ट्रीय टीम में पदार्पण किया था और ओडीआई मैच खेला था। उन्होंने खुद को मध्य क्रम में स्थापित किया और वो 1996 के विश्व कप के लिए टीम में भी चुने गए। इस बीच उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू भी किया। इस मैच में उन्होंने 54 रन बनाए और यह टेस्ट मैच उनके करियर का पहला और आखिरी टेस्ट मैच बना। हालांकि इसके बाद वो ऑस्ट्रेलियाई टीम की एकदिवसीय टीम में बने रहे लेकिन 1999 के विश्वकप के लिए उन्हें टीम में नहीं चुना गया था और यह उनके करियर का अंत साबित हुआ क्योंकि इसके बाद से ही उनका राष्ट्रीय टीम में चयन नहीं हुआ। शानदार खेल के कारण भी उन्हें सीमित मौके ही नसीब हुए।
#4 जेसन क्रेजा
जेसन क्रेजा ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिए खेलते हुए अपने पहले टेस्ट मैच में ही शानदार प्रदर्शन किया था। हालांकि अपने पहले मुकाबले के बाद ही जेसन क्रेजा को टेस्ट टीम में दूसरा मौका नहीं मिला। जेसन क्रेजा ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम में ऑफ-स्पिनर की भूमिका निभा रहे थे। उन्होंने नागपुर में डेब्यू किया था। इस मैच में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहली पारी में 8 विकेट अपने नाम किए तो वहीं दूसरी पारी में चार विकेट हासिल किए। 12 विकेट अपने डेब्यू टेस्ट मैच में लेना किसी भी खिलाड़ी के एक बेहतर करियर की ओर इशारा करता है लेकिन उन्होंने अपने करियर में सिर्फ एक टेस्ट मैच और आठ एकदिवसीय मुकाबले खेले और उनका करियर यहीं खत्म हो गया।
#3 मार्टिन लव
मार्टिन लव ऑस्ट्रेलिया के एक ऐसे बल्लेबाज थे जो शानदार टाइमिंग और तकनीक से बल्लेबाजी करते थे। शीर्ष क्रम के लिए वह एक उपयुक्त बल्लेबाज थे और लंबे समय तक बल्लेबाजी करने के लिए जाने जाते थे। ऑस्ट्रेलियाई घरेलू क्रिकेट में उन्हें कई शानदार पारियों को अंजाम देते हुए टीम के लिए काफी वक्त मैदान में दिया है। उन्होंने 1992-93 सत्र में प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत की थी और लगभग एक दशक तक वो घरेलू स्तर पर खेलते हुए रहे। हालांकि राष्ट्रीय टीम में खेलते हुए उन्हें सिर्फ पांच टेस्ट मुकाबले खेलने के ही मौके मिले।
वहीं उन्होंने अपनी करियर में शानदार खेल दिखाते हुए साल 2002-03 में एशेज से पहले एक अभ्यास मैच में इंग्लैंड के खिलाफ दो दोहरे शतक लगा दिए थे। वहीं उन्होंने अपने पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया के लिए नंबर 6 पर बल्लेबाजी की थी और इस मैच में 62 रनों का योगदान दिया था। हालांकि मार्टिन लव का करियर कुछ ज्यादा लंबा नहीं रहा और डेमियन मार्टिन के आने के बाद उनको टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसके बाद कभी भी उनकी वापसी नहीं हुई।
#2 बॉब मेसी
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट में बॉब मेसी एक शानदार स्विंग गेंदबाज के तौर पर सामने आए थे। साल 1972 में लोर्ड्स के मैदान पर दूसरे टेस्ट मुकाबले में मेसी ने शानदार गेंदबाजी की। उन्होंने अपनी दमदार गेंदबाजी के कारण दोनों पारियों में 8-8 विकेट अपने नाम किए। इसके साथ ही उस मुकाबले में उन्होंने 137 रन देते हुए 16 विकेट हासिल किए। किसी भी गेंदबाज के लिए यह एक शानदार क्रिकेट डेब्यू होगा। हालांकि बाद में भारत के नरेंद्र हिरवानी ने साल 1987 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 136 रन देकर 16 विकेट हासिल कर लिए थे।
अपने डेब्यू मैच में ऐसा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी से हर कोई लंबे करियर की उम्मीद करेगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसके बाद उन्होंने पांच टेस्ट मुकाबले और खेले और इन मैचों में उन्होंने 15 विकेट हासिल किए। हालांकि वो काफी समय तक बीमारी से भी परेशान रहे, जिसके कारण उनके खेल पर असर दिखने लगा था। इसके कारण उन्होंने क्रिकेट के हर प्रारूप से 1974 में ही संन्यास ले लिया।
#1 ब्रैड हॉज
ब्रैड हॉज ऑस्ट्रेलिया में सबसे अधिक प्रतिभाशाली घरेलू बल्लेबाजों में से एक थे। इन्हें नवंबर 2005 में राष्ट्रीय स्तर की टीम में खेलने के लिए बुलाया गया। उन्होंने अपने डेब्यू मुकाबले में 60 रनों का योगदान दिया। हालांकि उन्हें अपनी जगह को लेकर संघर्ष करना पड़ा और उन्होंने अपने करियर में 6 टेस्ट मुकाबले ही खेले। वहीं उन्होंने अपने करियर में 25 एकदिवसीय मुकाबले और 15 टी20 मुकाबले खेले हैं। 6 टेस्ट मैचों में खेलते हुए उनकी औसत 56 की थी लेकिन वो कभी भी अपने करियर को लंबा नहीं चला पाए।
लेखक: एस समद्दर
अनुवादक: हिमांशु कोठारी