हाल ही में सम्पन्न हुई ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में एम एस धोनी का जादू एक बार फिर देखने को मिला। उन्होंने तीन मैच में लगातार तीन अर्द्धशतक जड़े, जिसके लिए उन्हें 'मैन ऑफ द सीरीज' से भी किया गया। साल 2018 में धोनी अपनी फॉर्म से जूझते हुए नजर आए थे।
धोनी ने साल 2018 में 20 वनडे मैचों की 13 पारियों में सिर्फ 25 की औसत और 71.43 के स्ट्राइक रेट से 275 रन बनाए थे। इस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 42 रन रहा। पूरे साल धोनी एक भी अर्धशतक नही बना पाए। यह धोनी के 14 साल के क्रिकेट कैरियर का सबसे बुरा साल रहा था।
हालांकि धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड और मेलबर्न वनडे में अपनी परम्परागत शैली में लक्ष्य का पीछा किया। अगला विश्वकप इंग्लैण्ड में खेला जाना है। उनकी फॉर्म में वापसी से विश्वकप में टीम का आत्मविश्वास बढ़ेगा। भले ही बढ़ती उम्र का असर उनकी बल्लेबाजी में देखने को मिला हो, मगर विकेट के पीछे धोनी की फुर्ती आज भी बरकरार है। 37 वर्षीय धोनी आज भी भारत के सबसे चपल विकेटकीपर हैं।
अब बात करते हैं धोनी के विदेशी दौरों की जहाँ उनका औसत सर्वाधिक है:
# 5 भारत का न्यूज़ीलैण्ड दौरा 2008/09 (औसत- 92)
भारत का साल 2008/09 का न्यूज़ीलैंड दौरा एम एस धोनी के लिए यादगार रहा। पाँच मैचों की एकदिवसीय सीरीज के लिए भारतीय टीम न्यूज़ीलैंड गयी थी। उस सीरीज में भारत के कप्तान एम एस धोनी और न्यूज़ीलैंड के कप्तान डेनियल विटोरी थे।
धोनी ने इस सीरीज में 5 मैच खेले, जिसकी 4 पारियों में उन्होंने 92 की शानदार औसत से 184 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 187 गेंदों का सामना किया और उनका स्ट्राइक रेट 98.39 का रहा। उनका उच्चतम स्कोर 84 रन रहा, जो उन्होंने 3 मार्च 2009 को नेपियर के मैदान में बनाया था। इस बीच उन्होंने 2 अर्धशतक भी अपने नाम दर्ज किए। सीरीज की चार पारियों में से दो पारियों में वह नाबाद लौटे।