मास्टर ब्लास्टर, सचिन तेंदुलकर अपने बल्लेबाज़ी के करिश्मे के लिए तो दुनियाभर में मशहूर हैं, लेकिन कई बार उन्होंने अपनी करिश्माई गेंदबाज़ी से ज़रूरी विकेट लिए थे जिसकी वजह मैच भारत की तरफ़ मुड़ गया था। मुंबई में जन्मे तेंदुलकर ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में 201 विकेट हासिल किए हैं। उन्होंने 463 वनडे में 156 विकेट चटखाए हैं, 200 टेस्ट में 45 विकेट लिए हैं, और टी-20 में सिर्फ़ 1 विकेट अपने नाम किए हैं। यहां हम उन 5 विश्व स्तर के बल्लेबाज़ों के बारे में बताएंगे जो कई बार सचिन की धारदार गेंदबाज़ी के शिकार हुए हैं। #अर्जुना रणतुंगा 3 बार
श्रीलंका के पूर्व कप्तान और मशहूर क्रिकेटर अर्जुना रणतुंगा ने साल 1996 में अपने देश को वर्ल्ड कप दिलाया था। रणतुंगा ने अपनी टीम के लिए जीत की इबारत तब लिखी थी जब श्रीलंका को कमज़ोर टीम माना जा रहा था। उन्होंने न सिर्फ़ श्रीलंका को वर्ल्ड चैंपियन बनाया बल्कि अपनी टीम को विश्व स्तर का रुतबा दिलाया। धोनी की तरह रणतुंगा को भी ‘कैप्टन कूल’ के नाम से जाना जाता था। रणतुंगा न सिर्फ़ एक क़ाबिल क्रिकेटर थे बल्कि कप्तान के तौर पर वो बेहतर रणनीति बनाने में माहिर थे। वो दाएं हाथ के गेंदबाज़ थे लेकिन बाएं हाथ से बल्लेबाज़ी करते थे। उन्होंने 250 वनडे और 93 टेस्ट मैचेज़ में कप्तानी की थी।
साल 1994 में जब भारत का सामना श्रीलंका से हो रहा था, उस मैच में सचिन ने शानदार गेंदबाज़ी का प्रदर्शन करते हुए श्रीलंका के दोनों सलामी बल्लेबाज़ समरवीरा और रौशन महानामा को आउट किया। लेकिन मैच का रुख़ तब बदला जब सचिन ने राणातुंगा को महज 8 रन के निजी स्कोर पर पवेलियन का रास्ता दिखाया। टीम इंडिया को इस मैच में 8 रन से जीत हासिल हुई थी।
राणातुंगा को कुल 3 मौकों पर सचिन ने आउट किया था। श्रीलंका के पूर्व कप्तान अर्जुना रणतुंगा फ़िलहाल अपने देश की राजनीति में सक्रिय हैं। इस वक़्त वो सांसद और श्रीलंका सरकार में पेट्रोलियम संसाधन विकास मंत्री हैं।
#महेला जयवर्धने 3 बार
जयवर्धने श्रीलंका के बेहतरीन खिलाड़ियों में गिने जाते हैं श्रीलंका के पूर्व कप्तान और विश्व स्तर के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज महेला जयवर्धने ने लगभग सभी विपक्षी टीम और गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ रन बनाए हैं। जर्यवर्धने को एक धैर्यवान और बुद्धिमान खिलाड़ी माना जाता था, जिसमें विपक्षी गेंदबाज़ों को परेशान करने की काबिलियत थी।
जयवर्धने को न सिर्फ़ एक अच्छे खिलाड़ी, बल्कि एक बेहतर इंसान को तौर पर भी जाना जाता है। जयवर्धने हर तरह के शॉट खेलने के लिए मशहूर थे। उन्होंने श्रीलंका के लिए 100 टेस्ट और 400 वनडे मैच खेले हैं।
सचिन तेंदुलकर ने 3 बार जयवर्धने का विकेट हासिल किया है। जर्यवर्धने 2011 वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में भी मैदान में मौजूद थे जब भारत ने श्रीलंका को हराकर वर्ल्ड कप जीता था। 21वीं सदी के शुरुआती साल में सचिन ने एक शानदार कैच लपका था जिसमें उन्होंने महेला जयवर्धने को अपनी ही गेंद पर आउट किया था।
#एंडी फ़्लावर 4 बार
ये कहना ग़लत नहीं होगा कि एंडी फ़्लावर ज़िम्बाब्वे के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ और विकेटकीपर रहे हैं। एंडी फ़्लावर ने अपने देश के लिए 200 वनडे और 63 टेस्ट मैच खेले हैं। सचिन तेंदुलकर ने कुल 4 मौकों पर एंडी फ़्लावर का विकेट हासिल किया है।
एंडी ने वनडे में 6000 से ज़्यादा रन और टेस्ट में 4000 से ज़्यादा रन बनाए हैं। एंडी फ़्लावर ने संन्यास के बाद इंग्लैंड के बैटिंग कोच की भी भूमिका निभाई, बाद में उन्हें इंग्लैंड का मुख्य कोच बना दिया गया था।
एंडी फ़्लावर ने सचिन की तारीफ़ करते हुए कहा था कि “दुनिया में सिर्फ़ दो तरह के बल्लेबाज़ हैं, एक सचिन तेंदुलकर और बाकी सभी”। साल 2000 में जब जिम्बाब्वे की टीम भारत को दौरे पर आई थी, तब जोधपुर में सचिन ने एंडी को 77 रन के निजी स्कोर पर आउट किया था, हांलाकि ये मैच जिम्बाब्वे ने आख़िरी ओवर में जीत लिया था।
तेंदुलकर ने एंडी फ़्लावर को 4 मैचेज में आउट किया था। एंडी फ़्लावर के बारे में कहा जाता था कि जब वो बल्लेबाजी के लिए पिच पर आते थे तो उन्हें रोक पाना बेहद मुश्किल होता था और अगर वो टिक गए तो एक बड़ा स्कोर ज़रूर बनाते थे।
# ब्रायन लारा 4 बार
ब्रायन लारा को महानतम और अव्वल दर्जे का बल्लेबाज माना जाता था। वो एक ऐसे क्रिकेटर हैं जिनके नाम टेस्ट में नबाद 400 के निजी स्कोर बनाने का रिकॉर्ड है, ये टेस्ट मैच का सबसे बेहतर निजी स्कोर है। इतना ही नहीं वो एकलौते ऐसे क्रिकेटर हैं जिनके नाम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सेंचुरी, डबल सेंचुरी, ट्रिपल सेंचुरी और 400 रन बनाने का रिकॉर्ड है।
सचिन तेंदुलकर उन चुनिंदा बल्लेबाज़ो में गिने जाते हैं जिन्हें लारा की बाराबरी का आंका जाता है। सचिन ने लारा को 4 मौकों पर पवेलियन का रास्ता दिखाया था। जब साल 1994 में भारत चेन्नई में वेस्ट इंडीज़ का सामना कर रही थी, तब सचिन में 36 के स्कोर पर वेस्टइंडीज़ के 3 टॉप बल्लेबाज़ों को आउट किया था, जिसमें ब्रायन लारा, जिमी एडम्स और शेरविन कैम्पबेल शामिल थे। इसी करिश्माई गेंदबाज़ी की बदौलत भारत ने मोहम्मद अज़हरुद्दीन की कप्तानी में शानदार जीत हासिल की थी।
ब्रायन लारा का विकेट हासिल करना किसी भी गेंदबाज़ी के लिए आसान नहीं होता था, इसलिए तेंदुलकर को लारा का विकेट 4 बार मिलना किसी कामयाबी से कम नहीं है।
# इंज़माम-उल-हक़ 7 बार
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और मध्य क्रम के बल्लेबाज़ इंज़माम-उल-हक़ का नाम उन खिलड़ियों में टॉप पर है जिनको भारत के पूर्व कप्तान मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने सबसे ज़्यादा बार आउट किया है।
इंज़माम-उल-हक़ को ‘इंज़ी’ के नाम से भी पुकारा जाता था। इंज़माम पाकिस्तान की तरफ़ से वनडे में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। टेस्ट मैचेज़ में वो यूनिस ख़ान और जावेद मियांदाद के बाद तीसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं। अपनी कप्तानी में उन्होंने पाकिस्तान को एक बेहतर मुकाम पर पहुंचाया था। फ़िलहाल इंज़ामांम पाकिस्तान के मुख्य चयनकर्ता हैं।
पाकिस्तान के लिए तेंदुलकर किसी रोड़े से कम नहीं थे। साल 2005 में कोच्चि में सचिन ने अपनी गेंदबाज़ी से वो करिश्मा कर दिखाया जिसकी टीम इंडिया को बेहद ज़रूरत थी। सचिन ने इस मैच में 5 विकेट विकेट हासिल किए जिसमें इंज़माम का विकेट शामिल था। तेंदुलकर ने इंज़माम को 37 के निजी स्कोर पर क्लीन बोल्ड कर दिया था, इसके अलावा सचिन ने अब्दुल रज़्ज़ाक, शाहिद अफ़रीदी, मोहम्मद शमी और मोहम्मद हफ़ीज़ को भी पवेलियन का रास्ता दिखाया था।
सचिन तेंदुलकर ने मध्य क्रम के बेहतरीन बल्लेबाज़ इंज़माम-उल-हक को 7 मौकों पर आउट किया था। इससे साबित होता है कि सचिन गेंदबाज़ी में कितने माहिर थे। सचिन अपनी गेंदबाज़ी में विविधता के लिए भी जाने जाते थे।