गुप्टील की तरह एक और खिलाड़ी जेपी डुमनी भी अपने वन-डे और टी-ट्वेंटी के प्रदर्शन और सफलता को टेस्ट मैचों में दोहराने में असफल रहे हैं। एक बल्लेबाज या ऑलराउंडर के रूप में वह टेस्ट क्रिकेट में अपने चयन को कभी भी सही साबित नहीं कर पाए हैं।
एक हरफनमौला के रूप में डुमिनी ने खेल के सबसे छोटे फॉर्मेट में अपने आप को समय-समय पर साबित किया है। वह किसी भी समय किसी भी बल्लेबाजी क्रम पर ताबड़तोड़ रन बनाने की क्षमता रखते हैं। जरुरत पड़ने पर वह टीम के लिए किफायती गेंदबाजी कर कुछ विकेट भी हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा वह फील्डिंग में भी असाधारण हैं।
टेस्ट मैचों में काफी मौका मिलने के बावजूद वह टीम में अपनी जगह पक्का नहीं कर पाए हैं। 46 टेस्ट खेलने के बावजूद डुमनी का बल्लेबाजी औसत सिर्फ 32.85 है जबकि टी-20 मैचों में उनका औसत बढ़कर लगभग 40 हो जाता है।