5 बल्लेबाज जिन्होंने आक्रामक क्रिकेट की नई परिभाषा लिखी

शुरुआत से लेकर आजतक क्रिकेट की दुनिया भारी बदलावों से गुज़र चुकी है। रंगीन कपड़ों में खेल होने से लेकर इस्तेमाल किए जाने वाले सहायक गियर्स तक। पावर-प्ले में रनों की बढ़ती मात्रा से प्रत्येक ओवर में गेंदों की सीमा तक बदलाव ही बदलाव देखें गये हैं। जहाँ एक ओर ऐसे कुछ बल्लेबाज हैं जो अंतिम ओवेरों में सांसें रोक देने वाले स्ट्रोक प्ले से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे हैं जिन्होंने शुरुआती ओवरों में अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के साथ खेल में क्रांतिकारी बदलाव किया है। यहां हम ऐसे ही 5 खिलाड़ियों पर एक नज़र डाल रहे, जिन्होंने अपने आक्रमक खेल से क्रिकेट के खेल को एक नई दिशा दी। # 5 वीरेंदर सहवाग वीरेंदरसहवाग को क्रिकेट खेलने वाले सबसे विध्वंसक बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। वीरेंदर सहवाग को उनके खेल की बेहद आक्रामक शैली और सचिन तेंदुलकर के साथ उनकी शानदार सलामी साझेदारी के लिए जाने जाते हैं। सहवाग के नाम सबसे तेज़ तिहरा शतक बनाने के साथ-साथ टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 250 रन बनाने का रिकॉर्ड है। उनका 219 रनों का सर्वोच्च वनडे स्कोर वेस्टइंडीज के खिलाफ 149 गेंदों पर आया। सहवाग को "मुल्तान के सुल्तान" का खिताब दिया गया था जब वह पहले तिहरा शतक लगाने वाले भारतीय बने था। मुल्तान में पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट में उनकी 309 रनों की पारी ने भारत को 675 का स्कोर हासिल करने में मदद की, जिससे भारत ने उस टेस्ट में जीत हासिल की। वीरेंदर सहवाग ने पहली ही गेंद से हमला करने की शैली ने एक नये आक्रामक क्रिकेट की परिभाषा लिखी और भारतीय बल्लेबाजों की मौजूदा पीढ़ी के लिए क्रिकेट के आक्रामक ब्रांड को खेलने की नीव रखी थी।# 4 सर विवियन रिचर्ड्स विवियन रिचर्ड्स अपने समय के सबसे बेहतरीन वेस्टइंडियन बल्लेबाज थे। उन्हें सर डॉन ब्रैडमैन, सर गैरी सोबर्स, सर जैक हॉब्स और शेन वॉर्न के साथ सदी के पांच क्रिकेटरों में से एक चुना गया था। विवियन रिचर्ड्स गेंदबाजों के दिमाग से खलेते थे और शांत स्वाभाव के साथ आक्रामक खेल से मैच पलट सकते थे। इस कारण से शब्द "स्वैगर" अक्सर उनकी बल्लेबाजी शैली का वर्णन करने के लिए प्रयोग किया जाता है। विवियन रिचर्ड्स का सर्वोच्च वनडे स्कोर ओल्ड ट्रैफोर्ड में इंग्लैंड के खिलाफ 189 था, उस मैच में उन्होंने अपनी टीम को एक कमजोर स्थिति से बाहर निकला था और उनकी इस पारी में 21 चौके और 5 छक्के शामिल थे, जिससे वेस्टइंडीज 272 रनों के स्कोर तक पहुँचा था। इसके बाद वेस्टइंडीज के खतरनाक गेंदबाजी आक्रमण ने यह सुनिश्चित किया कि वेस्टइंडीज मैच को जीत ले। वनडे क्रिकेट में विव रिचर्ड्स का 47 का बल्लेबाजी औसत इस तथ्य का एक प्रमाण है कि वह सर्वकालिक महानतम वनडे खिलाड़ियों में से एक थे। आवश्यकता पड़ने पर ठन्डे दिमाग के साथ ही किसी भी गेंदबाजी हमले को तहस नहस करने की उनकी क्षमता ने हमेशा वेस्टइंडीज को हमेशा मजबूती प्रदान की।# 3 एबी डीविलियर्स आधुनिक क्रिकेट में अब्राहम बेंजामिन डीविलियर्स दुनिया के सबसे महान और सबसे प्रतिष्ठित क्रिकेटरों में से एक हैं। 2004 में अपनी शुरुआत करने के बाद, उनकी शुरूआती भूमिका विकेटकीपर-बल्लेबाज की थी। हालांकि, करियर के अधिकांश भाग में पूरी तरह बल्लेबाज़ के रूप में खेले। डी विलियर्स के नाम वर्तमान में सबसे तेज़ 50, 100, 150 स्कोर बनाने का वनडे अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड है। उन्हें विश्व क्रिकेट में सबसे आक्रमक और रचनात्मक बल्लेबाज़ भी कहा जाता है, जो मैदान के हर कोने में शॉट खेलने में सक्षम हैं। डीविलियर्स ने 23 मई 2018 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में डीविलियर्स का एकमात्र अधुरा सपना आईसीसी टूर्नामेंट जीतना रहा, जिसकि वजह दक्षिण अफ्रीका का नॉकआउट मैचों में कमतर प्रदर्शन और महत्वपूर्ण ग्रुप मैच न जीत पाना रहा था। एबी डीविलियर्स दक्षिण अफ्रीका के अब सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ हैं। इसमें कोई संदेह नही कि 2019 विश्वकप के दौरान दक्षिण अफ्रीका की टीम मैदान पर उतरेगी तो अकेले दम पर मैच को बदलने की क्षमता रखने वाले इस खिलाड़ी को निश्चित रूप की कमी उन्हें खलेगी।# 2 एडम गिलक्रिस्ट एडम गिलक्रिस्ट विश्व क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के प्रभुत्व के दौर के बड़े नामों में से एक थे। एडम गिलक्रिस्ट ने मैथ्यू हेडन के साथ एक विस्फोटक सलामी बल्लेबाजी जोड़ी बना एक विकेट कीपर बल्लेबाज़ की भूमिका को फिर से परिभाषित किया। एडम गिलक्रिस्ट टेस्ट क्रिकेट में 100 छक्के लगाने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। 17 शतकों के साथ ही उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में लगभग 82 की स्ट्राइक रेट बनाए रखी है जो विकेटकीपर-बल्लेबाज के लिए बहुत असामान्य है। एडम गिलक्रिस्ट का हमलावर खेल ऑस्ट्रेलिया के 3 सफल विश्व कप अभियानों में महत्वपूर्ण रहा था। उनके नाम लगातार 3 विश्वकप फाइनल में कम से कम 50 रन बनाने का गौरव मिला है। 2007 विश्वकप फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 149 रनों की गिलक्रिस्ट की बेहतरीन पारी ने ऑस्ट्रेलिया की लगातार तीसरे विश्व कप में जीत तय की थी। एडम गिलक्रिस्ट ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट क्रिकेट में 379 शिकार के साथ सबसे सफल विकेटकीपर भी हैं। गिलक्रिस्ट के संन्यास के बाद से अब तक ऑस्ट्रेलिया को हमलावर विकेटकीपर-बल्लेबाज खोजने में सफलता नही मिली है।# 1 सनथ जयसूर्या सनथ जयसूर्या वह नाम हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में श्रीलंका के उत्थान की कहानी लिखी थी। सनथ जयसूर्या एक ऑलराउंडर थे और अंतरराष्ट्रीय करियर दो दशकों से अधिक समय तक का रहा। जयसूर्या ने 445 ओडीआई मैच खेले थे और वह वनडे क्रिकेट में 12000 से ज्यादा रनों के साथ ही 300 से अधिक विकेट लेने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। उन्होंने रोमेश कालुविथरणा के साथ साझेदारी में अपनी आक्रमक बल्लेबाज़ी के साथ एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बड़ी क्रांति लायी। 1996 के विश्व कप में जयसूर्या को मैन ऑफ दी टूर्नामेंट घोषित किया गया था। पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए, उन्होंने 13 विकेट लिए और 131.55 की स्ट्राइक रेट और 36.83 के औसत से 221 रन बनाए। ग्लेन मैकग्राथ ने जयसूर्या को गेंदबाजी करने के लिए सबसे मुश्किल बल्लेबाजों में से एक के रूप में बताया, क्योंकि शुरुआत से ही तेज पारी से वह विपक्ष के गेंदबाजों को सोचने का मौका ही नही देते थे। बिना किसी संदेह जयसूर्या, कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने श्रीलंका क्रिकेट के "बिग थ्री" और स्तंभ थे। इसका असर कुछ यूँ रहा कि इन तीनों के संन्यास के बाद अब श्रीलंका प्रतिस्पर्धी क्रिकेट के मानकों को बनाए रखने के लिए संघर्ष करता नज़र आ रहा है। लेखक: आयुष्मान विश्वनाथन अनुवादक: राहुल पांडे

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