सनथ जयसूर्या वह नाम हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में श्रीलंका के उत्थान की कहानी लिखी थी। सनथ जयसूर्या एक ऑलराउंडर थे और अंतरराष्ट्रीय करियर दो दशकों से अधिक समय तक का रहा। जयसूर्या ने 445 ओडीआई मैच खेले थे और वह वनडे क्रिकेट में 12000 से ज्यादा रनों के साथ ही 300 से अधिक विकेट लेने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। उन्होंने रोमेश कालुविथरणा के साथ साझेदारी में अपनी आक्रमक बल्लेबाज़ी के साथ एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बड़ी क्रांति लायी। 1996 के विश्व कप में जयसूर्या को मैन ऑफ दी टूर्नामेंट घोषित किया गया था। पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए, उन्होंने 13 विकेट लिए और 131.55 की स्ट्राइक रेट और 36.83 के औसत से 221 रन बनाए। ग्लेन मैकग्राथ ने जयसूर्या को गेंदबाजी करने के लिए सबसे मुश्किल बल्लेबाजों में से एक के रूप में बताया, क्योंकि शुरुआत से ही तेज पारी से वह विपक्ष के गेंदबाजों को सोचने का मौका ही नही देते थे। बिना किसी संदेह जयसूर्या, कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने श्रीलंका क्रिकेट के "बिग थ्री" और स्तंभ थे। इसका असर कुछ यूँ रहा कि इन तीनों के संन्यास के बाद अब श्रीलंका प्रतिस्पर्धी क्रिकेट के मानकों को बनाए रखने के लिए संघर्ष करता नज़र आ रहा है। लेखक: आयुष्मान विश्वनाथन अनुवादक: राहुल पांडे