एक स्वाभाविक सी बात है कि फैन्स किसी भी क्रिकेटर के शुरूआती मैच उतने बेहतर ढंग से याद नहीं रखते, जितने करियर के आखिरी दौर की पारियां, जो हमेशा यादों में ज्यादा ताजा रहती हैं। आइए जानते हैं टेस्ट क्रिकेट के ऐसे 5 बल्लेबाजों के बारे में, जिन्होंने करियर के आखिरी मैच में अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया। #5 पीटर वैन डर बिज- 125 और 97 दक्षिण अफ्रीका के शुरूआती दौर के दिग्गज बल्लेबाजों में शुमार पीटर ने 1938/39 में 5 टेस्ट मैच खेले। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से खेलते हुए उन्हें पहचान मिली। पहले तो पीटर के तरीक़े को खेल के मुताबिक नहीं समझा गया और उन्हें क्रिकेट से दूर रखा गया, लेकिन धीरे-धीरे पीटर ने अपने रवैये में बदलाव किया। वेस्टर्न प्रोविन्स के साथ पीटर की वापसी हुई और उन्हें नेश्नल टीम में जगह मिली। 1939 में डरबन में इंग्लैंड के खिलाफ यादगार टेस्ट में पीटर ने शानदार शतक जमाया। दूसरी पारी में भी पीटर ने अपने प्रदर्शन को जारी रखा। उन्होंने शानदार 97 रनों की पारी खेली। पीटर की शानदार बल्लेबाजी की बदौलत वैली हैमंड की कप्तानी में खेल रही इंग्लिश टीम को ड्रॉ से संतोष करना पड़ा। इसके बाद दुर्भाग्यवश पीटर के करियर पर असमय ही विराम लग गया। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नार्थ अफ्रीका की ओर से सेवाएं देते हुए वह बुरी तरह घायल हो गए थे। भविष्य में उनके बेटे विन्स ने भी टेस्ट क्रिकेट में प्रवेश करना चाहा, लेकिन रंगभेद के उस दौर में उन्हें मौका नहीं मिल सका। #4 जैक रसेल – 140 और 111 जो क्रिकेट फैन्स 90 के दशक में बड़े हुए हैं, उनके सामने अगर जैक रसेल का नाम लिया जाए तो उनके दिमाग में तुरंत मूंछ वाले इंग्लिश विकेटकीपर बल्लेबाज का चेहरा आता है, जिसका उत्साह कभी खत्म नहीं होता था। गौरतलब है कि इससे पहले भी जैक रसल (चार्ल्स अलबर्ट जॉर्ज रसल) नाम से एक क्रिकेटर रह चुके हैं, जिन्होंने ओल्ड ब्लिटी के लिए 10 टेस्ट मैच खेले हैं। वह पहले इंग्लिश बल्लेबाज थे, जिन्होंने टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जमाया। रसेल ने अपने करियर के आखिरी मैच में शानदार खेल दिखाया। 1923 में दक्षिण अफ्रीका के साथ सीरीज के दौरान 5वें टेस्ट मैच में उन्होंने लाजवाब प्रदर्शन किया। इस मैच में उन्होंने दोनों पारियों में शतक जमाया। पहली पारी में उन्होंने 140 रन बनाए और इंग्लैंड एक अच्छा स्कोर बनाने में कामयाब रहा। इसके बाद दूसरी पारी में इस दाएं हाथ के बल्लेबाज को सलामी बल्लेबाज़ी की भूमिका से हटाकर नंबर-6 पर कर दिया गया। जहां एक तरफ इंग्लिश बल्लेबाज खराब फॉर्म से जूझ रहे थे, रसेल ने 111 रनों की उपयोगी पारी खेली। दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड के लक्ष्य का पीछा नहीं कर सका। मैच और सीरीज दोनों ही मेहमान इंग्लैंड के नाम हुए। #3 सेमर नर्स – 258 सर गैरी सोबर्स, सर कॉनरड हुंटे और रोहन कनहाई जैसे बड़े नामों के साथ खेलते हुए भी सेमर ने अपनी पहचान को खास बनाए रखा। करियर की शुरूआत में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी के मध्यक्रम में अपनी खास जगह बना ली। सेमर ने अपनी आखिरी टेस्ट सीरीज में करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उन्होंने 3 मैचों में 111.60 के औसत से 558 रन बनाए, जिनमें 2 शतक भी शामिल थे। 1969 के न्यूजीलैंड दौरे में वह सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। ऑकलैंड टेस्ट में वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड के खिलाफ विशाल लक्ष्य का पीछा कर रहा था, जिसमें सेमर की पारी ने अहम भूमिका निभाई। क्राइस्टचर्च में हुए तीसरे टेस्ट में उन्होंने दोहरा शतक लगाया। उनकी 258 रनों की पारी की बदौलत वेस्टइंडीज पहली पारी में बड़ा स्कोर खड़ा करने में कामयाब रहा। #2 बिल पॉन्सफर्ड - 266 और 22 बिल बड़ी शतकीय पारियां खेलने के लिए मशहूर थे। तत्कालीन नियमों के चलते वह अपने लगभग 10 साल लंबे करियर में सिर्फ 29 टेस्ट मैच ही खेल सके। विक्टोरियन बिल वुडफुल के साथ उनकी जोड़ी को क्रिकेट की सबसे बेहतरीन सलामी जोड़ियों में शुमार किया जाता है। विवादास्पद बॉडीलाइन सीरीज (1932/33) का उनके करियर पर ऐसा असर पड़ा कि आगामी ऐशेज सीरीज (1934) के बाद उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। ओवल में हुए इस सीरीज के आखिरी टेस्ट में उन्होंने 422 गेंदों में 266 रन बनाए और दूसरे विकेट के लिए सर डॉन ब्रैडमैन के साथ रिकॉर्ड 451 रनों की साझेदारी की। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया को 562 रनों से ऐतिहासिक जीत मिली। #1 एंडी सैंढम – 325 और 50 एंडी सैंढम का टेस्ट करियर सिर्फ 14 मैच तक सीमित रहा। उन्होंने अपने अंतिम मैच में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। 1930 में जमैका टेस्ट के दौरान एंडी टेस्ट इतिहास में तिहरा शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बने। एक रोचक तथ्य यह है कि इस दौरान ही मेलबर्न क्रिकेट क्लब ने एक ही वक्त में इंग्लैंड की दो टीमें वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड भेजीं। वेस्टइंडीज के साथ चार मैचों की सीरीज के आखिरी मैच में एंडी ने 325 रनों की पारी खेली। उन्होंने पिच पर 10 घंटे बिताए। दूसरी पारी में उन्होंने अर्धशतक लगाया। मैच ड्रॉ जरूर हुआ, लेकिन इस 39 वर्षीय खिलाड़ी की यह रिकॉर्ड-ब्रेकिंग पारी क्रिकेट इतिहास में अमर हो गई। लेखकः राम कुमार अनुवादकः देवान्श अवस्थी