सर गैरी सोबर्स, सर कॉनरड हुंटे और रोहन कनहाई जैसे बड़े नामों के साथ खेलते हुए भी सेमर ने अपनी पहचान को खास बनाए रखा। करियर की शुरूआत में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी के मध्यक्रम में अपनी खास जगह बना ली। सेमर ने अपनी आखिरी टेस्ट सीरीज में करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उन्होंने 3 मैचों में 111.60 के औसत से 558 रन बनाए, जिनमें 2 शतक भी शामिल थे। 1969 के न्यूजीलैंड दौरे में वह सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। ऑकलैंड टेस्ट में वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड के खिलाफ विशाल लक्ष्य का पीछा कर रहा था, जिसमें सेमर की पारी ने अहम भूमिका निभाई। क्राइस्टचर्च में हुए तीसरे टेस्ट में उन्होंने दोहरा शतक लगाया। उनकी 258 रनों की पारी की बदौलत वेस्टइंडीज पहली पारी में बड़ा स्कोर खड़ा करने में कामयाब रहा।