लगभग 15 वर्षों तक श्रीलंकाई क्रिकेट के सबसे मजबूत स्तंभ रहे कुमार संगकारा का खेल जितना सूरज की रोशनी में आकर्षक रहा उतना ही फ्लडलाइट्स के अन्दर। संगकारा ने 5 जुलाई, 2000 को अपना पहला वनडे खेला, और चार दिन बाद दिन-रात के मैच में पाकिस्तान के खिलाफ कोलंबो में 9जुलाई को पहली बार दूधिया रोशनी में बल्लेबाज़ी करने आए। 101 बार दूसरी पारियों में संगकारा ने बल्लेबाजी करते हुए 38.15 के औसत से 3,396 रन बनाए। लॉर्ड्स में एमसीसी स्पिरीट ऑफ क्रिकेट काऊड्रे व्याख्यान देने वाले सबसे युवा व्यक्ति, संगकारा ने 25 एकदिवसीय शतक बनाए, जिसमें से 5 दिन रात के मैचों में लक्ष्य का पीछा करते हुए आए थे। पूर्व श्रीलंकाई कप्तान का सर्वोच्च स्कोर लंदन के ओवल में 2013 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी ग्रुप स्टेज गेम के दौरान मेजबान टीम के खिलाफ आया था। संगकारा ने टॉस जीतकर इंग्लैंड को पहले बल्लेबाजी करने का निमंत्रण दिया और इंग्लैंड ने कुल 293 रन बनाए थे। खेल के एकदिवसीय प्रारूप में 14,234 रन बनाने वाले संगकारा 135 गेंदों पर 134 रन बनाकर नाबाद रहे और श्रीलंका ने 17 गेंद शेष रहते 7 विकेट से जीत हासिल की।