5 बल्लेबाज़ जिनकी चमक टीम इंडिया के ‘फ़ैब 4’ के सामने फीकी पड़ गई

#1 ऋषिकेष कानितकर

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ऋषिकेष कानितकर हांलाकि इतने मशहूर खिलाड़ी नहीं रहे हैं, लेकिन उन्हें उस यादगार चौके के लिए याद किया जाता है जो उन्होंने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ साल 1998 में इंडिपेंडेस कप के फ़ाइनल में लगाया था और टीम इंडिया को जीत दिलाई थी। वो उन बदकिस्मत खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का ज़्यादा मौक़ा नहीं मिला। ख़ासकर वो टेस्ट में अपना करियर नहीं बना सके। कनितकर ने साल 1997 में वनडे में श्रीलंका के ख़िलाफ़ डेब्यू किया था लेकिन उस मैच में उन्हें बल्लेबाज़ी का मौक़ा नहीं मिल सका था। उन्हें ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ अपने तीसरे मैच में बल्लेबाज़ी का मौक़ा मिला था जहां उन्होंने अपनी छाप छोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी और 57 रन बनाए। हांलाकि इसके बाद वो वनडे में कुछ ख़ास कमाल नहीं दिखा पाए। साल 1999/2000 में उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट मैच खेलने का मौक़ा मिला जहां भारत को करारी हार का सामना करना पड़ा। मेलबर्न में उन्होंने पहली पारी में 18 रन बनाए थे और दूसरी पारी में 45 रन जोड़े थे। अपने दूसरे टेस्ट मैच में उन्होंने 18 रन ही बनाए थे और इसके बाद उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। हांलाकि घरेलू सर्किट में कनितकर का शानदार प्रदर्शन जारी रहा, लेकिन ठीक उसी वक़्त वीवीएस लक्ष्मण शानदार फ़ॉर्म में चल रहे थे ऐसे में कनितकर की वापसी नामुमकिन हो गई। उन्होंने घरेलू सर्किट में 52.26 की औसत से 10,000 से ज़्यादा रन बनाए थे। वो रणजी में 5वें सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। लेखक – साहिल जैन अनुवादक – शारिक़ुल होदा

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