5 महान बल्लेबाज जिनके लिए सिरदर्द बने पार्ट टाइम गेंदबाज

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क्रिकेट जनता के बीच इतना लोकप्रिय नहीं होता अगर इसमें अनिश्चित्तताएं नहीं होती। अगर क्रिकेट का खेल बहुत साधारण होता, तो इसे देखना कौन पसंद करता? क्रिकेट के खेल ने विश्वभर में मौजूद प्रशंसकों को कई आश्चर्यचकित पल मुहैया कराएं हैं। इसका प्रमाण इससे भी मिला कि कई महान बल्लेबाज ऐसे गेंदबाजों के सामने संघर्ष करते दिखे जो कभी भी अपनी धारदार गेंदबाजी के कारण मशहूर नहीं हुए। इतने सालों में देखने में आया है कि दिग्गज बल्लेबाज के लिए एक पार्टटाइम गेंदबाज सिरदर्द बन गया और उसने बल्लेबाज को अपना शिकार बनाने में सफलता हासिल की। इसके पीछे क्या कोई खास कारण है? हमने इसका पता लगाने की कोशिश जरूर की। यहां हम आधुनिक युग के 5 महान बल्लेबाजों के बारे मे बताने जा रहे हैं जो अनियमित गेंदबाजों के सामने संघर्ष करते दिखाई दिए: केविन पीटरसन - युवराज सिंह अधिकतर लोगों को पता होगा कि पूर्व इंग्लिश बल्लेबाज केविन पीटरसन बाएं हाथ के स्पिनर के सामने संघर्ष करते रहे और अपने शानदार करियर में वह हमेशा इससे चिंतित रहे। पीटरसन ने टेस्ट में 8181 रन तथा वन-डे में 4440 रन बनाए। उनहोंने अपनी आकर्षक बल्लेबाजी से गेंदबाजों को खूब परेशान किया, लेकिन उनकी मुसीबते तब बढ़ी जब उनका सामना 'पाइ-चकर' युवराज सिंह से हुआ। खुद पीटरसन ने ही युवराज को 'पाइ-चकर' का तमगा दिया था और साथ ही कहा कि वह बाएं हाथ के कचरा गेंदबाज बनने के बेहद करीब हैं। युवराज पर इसका कोई असर नहीं हुआ और उनहोंने केपी को अपनी फिरकी में उलझाते हुए वन-डे में 4 बार (वन-डे में किसी भी गेंदबाज द्वारा सर्वाधिक बार शिकार करना) जबकि टेस्ट में एक बार आउट किया। इंजमाम उल हक - सचिन तेंदुलकर inzy-sachin-1466053055-800 पाकिस्तान के महान बल्लेबाज इंजमाम उल हक विश्व के खतरनाक गेंदबाजों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थे। बल्ले से उनकी अद्भुत काबिलियत से गेंदबाज हमेशा चिंतित दिखे। शानदार शॉट्स, आगे बढ़कर स्पिनर्स पर प्रहार करना, बैकफुट पर शॉट खेलने का आश्चर्यजनक अंदाज सभी इस लंबे कद के बल्लेबाज के पास मौजूद था। हालांकि अगर कोई गहराई में जाकर उनके रिकोर्ड्स पर गौर करे तो पाएगा कि उनहोंने अधिकांश अपना विकेट अनियमित गेंदबाजों के सामने गंवाया। वन-डे में सचिन ने उन्हें 7 जबकि एस्टल ने 6 बार आउट किया। सचिन ने अपने चतुर मिश्रण से कई बार इंजमाम को हैरान किया और उनका विकेट चटकाया। जैक्स कैलिस - क्रिस गेल gaylebowling-1466053089-800 साउथ अफ्रीका के महान ऑलराउंडर जैक्स कैलिस ने तीनों प्ररूपों में जबर्दस्त प्रदर्शन किया, लेकिन वह कैरेबियाई अनियमित ऑफ स्पिनर क्रिस गेल कि फिरकी में उलझकर रह गए। गेल ने वन-डे में 4 बार कैलिस को अपना शिकार बनाया। इसके साथ ही कैलिस एक अन्य कैरेबियाई अनियमित ऑफ स्पिनर कार्ल हूपर से भी परेशान रहे, जिन्होंने अफ्रीकी ऑलराउंडर को वन-डे में 3 बार अपना शिकार बनाया। टेस्ट में भी हूपर ने कैलिस का 3 बार शिकार किया। कैलिस को जरूर इन दो कैरिबियाई ऑफ स्पिनरों से काफी परेशानी हुई। एलन बॉर्डर - कार्ल हूपर allanborder-1466053200-800 ऑस्ट्रेलिया के सार्वकालिक महान बल्लेबाजों में से एक बॉर्डर टेस्ट क्रिकेट में 11,000 रन का आंकड़ा पार करने वाले पहले बल्लेबाज थे और उनका विकेट लेना किसी भी गेंदबाज के लिए उपहार से कम नहीं होता था। हालांकि, बॉर्डर अधिकांश उन गेंदबाजों का शिकार बने जो अपनी गेंदबाजी नहीं बल्कि बल्लेबाजी के लिए मशहूर थे। वेस्टइंडीज के पार्टटाइम ऑफ स्पिनर कार्ल हूपर ने बार्डर को कुल 10 बार (वन-डे में 7 जबकि टेस्ट में 3 बार) आउट किया। एक और नाम जो आपको हैरान करने वाला है वो और कोई नहीं बल्कि महान विव रिचर्ड्स हैं, जिन्होंने बॉर्डर को वन-डे में 5 जबकि टेस्ट में एक बार आउट करने मे सफलता हासिल की। सचिन तेंदुलकर - हैंसी क्रोन्ये hansie-cronje-1466053243-800 क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने 24 साल के लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर में कई दिग्गज गेंदबाजों का सामना किया जैसे ग्लेन मैक्ग्राथ, शेन वॉर्न, वसीम अकरम, वकार यूनिस आदि। हालांकि, जब उन्हें गेंदबाज का चुनाव करने को कहा जिसने काफी परेशान किया हो तो तेंदुलकर ने आश्चर्यजनक ढंग से हैंसी क्रोन्ये का नाम लिया। तेंदुलकर ने गार्डियन को दिए इंटरव्यू में कहा था, ईमानदारी से कहूं तो मुझे किसी भी गेंदबाज से अधिक हैंसी ने आउट किया। जब हम साउथ अफ्रीका में खेल रहे थे तब एलन डोनाल्ड और शॉन पोलाक से अधिक हैंसी ने मेरा विकेट लिया। इसका मतलब यह नहीं कि मैं उनकी गेंद नहीं समझ पा रहा था, फर्क यह था कि उनकी गेंदें सीधी फील्डर के हाथों में जाती थी। पूर्व साउथ अफ्रीकी कप्तान ने तेंदुलकर को टेस्ट में 5 जबकि वन-डे में 3 बार आउट किया। क्रोन्ये प्रमुखतः मध्य-क्रम के बल्लेबाज थे, लेकिन उनहोंने अपनी मध्यम तेज गेंदबाजी का फायदा उठाते हुए 68 टेस्ट में 43 विकेट और 188 वन-डे मैचों में 114 विकेट लिए। तेंदुलकर ने एक किस्सा याद करते हुए बताया, 'मैं एक बार डरबन में डोनाल्ड और पोलाक के खिलाफ अच्छे रन बना रहा था। हैंसी गेंदबाजी करने आए और उनकी पहली गेंद पर मैंने फ्लिक किया जो सीधे लेग-स्लिप में मौजूद फील्डर के हाथों में गई। मुझे कभी नहीं पता चला कि उनके साथ क्या करूँ।'