आंकड़े किसी भी खेल का एक अभिन्न हिस्सा होते हैं। क्रिकेट में यह इतना अधिक महत्व रखते है कि कई बार व्यक्तिगत प्रदर्शन मैच के परिणामों को भी ढकने का प्रभाव रखते हैं। बल्लेबाजों के लिए 50 रन का आंकड़ा कुछ विशेष औसत प्रदान करता है। वहीं तीन आंकड़ों तक पहुंचने का आनंद न सिर्फ खिलाड़ी बल्कि मैदान पर मौजूद हर एक प्रशंसक उठाता है। जब एक लंबे समय से सेवा देने वाला खिलाड़ी 30 के आसपास स्कोर करता है, तो संन्यास का सवाल दुनिया भर में उसके लिए शुरू हो जाता है। हालांकि कुछ खिलाड़ियों ने सभी संभावित उम्मीदों को पूरा करने के बाद इस विकल्प को चुना है लेकिन कुछ अच्छे क्रिकेटर्स भी रहे हैं जो करियर के महत्वपूर्ण पड़ाव पर होने के बावजूद रिटायर हो गए। आइये हम नज़र डालते हैं उन 5 महान बल्लेबाजों के संन्यास पर उनके समयकाल के अनुसार जो एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर आकर रिटायर हो गए।
#5 एबी डीविलियर्स - 9577 रन
मई 2018 में एबी डीविलियर्स ने सभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट प्रारूप से संन्यास की घोषणा करके सभी को हैरान कर दिया। 2019 विश्व कप के बेहद पास आने के साथ 34 वर्षीय खिलाड़ी के रिटायटमेंट लेने के फैसले ने प्रोटियाज़ की योजनाओं को अचानक तोड़ दिया। हालांकि वे अपने स्टार बल्लेबाज के संन्यास के बाद से मैदान पर नहीं उतरे हैं, लेकिन दक्षिण अफ्रीका को 50 ओवर के प्रारूप में उनकी कमी का सामना करना पड़ सकता है। 2005 में ब्लूमफ़ॉन्टेन में इंग्लैंड के खिलाफ शुरुआत के बाद से डीविलियर्स ने सभी प्रारूपों में एक यादगार करियर के साथ 228 वनडे मैच खेले जिसमें उनकी स्ट्राइक रेट 101.09 की रही। अगर वह इस प्रारूप में 433 रन और बना लेते तो यह दाएं हाथ का खिलाड़ी 10,000 रनों के आंकड़े को पार करने वाला दूसरा दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज (जैक्स कैलिस के बाद) होता।
#4 कुमार संगकारा - 93 अर्धशतक और 99 स्टंपिंग
2014 विश्व टी-20 के अंत में टी-20 प्रारूप से रिटायर होने के बाद कुमार संगकारा ने बाद में 2015 विश्वकप के समापन के बाद वनडे क्रिकेट छोड़ने के अपने इरादे का खुलासा किया। बाएं हाथ का यह दिग्गज बल्लेबाज जो उम्र के साथ और भी बेहतर होता रहा, उसने इस टूर्नामेंट में चार शतक लगाने का रिकॉर्ड बनाया। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ क्वार्टरफाइनल में मिली हार में उन्होंने 45 रनों के साथ श्रीलंका के लिए शीर्ष स्कोर बनाया, जो इस प्रारूप में उनकी आखिरी उपस्थिति थी। 2000 और 2015 के बीच फैले उनके करियर में संगकारा ने 404 वनडे खेले और 41.98 की औसत से 14,234 रनों का पहाड़ खड़ा किया। 25 शतक लगाने के अलावा इस खिलाड़ी के नाम 93 अर्धशतक भी हैं। 96 अर्धशतक के साथ केवल सचिन तेंदुलकर के वनडे इतिहास में अर्धशतकों के मामले में उनसे अधिक हैं। इस विकेटकीपर ने अपना 50 ओवरों वाले सीमित क्रिकेट का सफर 99 स्टंपिंग के साथ खत्म किया। बाद में एमएस धोनी 100 स्टंपिंग करने वाले पहले विकेटकीपर बल्लेबाज बने।
#3 सचिन तेंदुलकर - 49 शतक
1989 में भारत के पाकिस्तान दौरे के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रवेश करने के बाद से सचिन तेंदुलकर का कद हर साल बढ़ता गया। क्रिकेट में प्रवेश से 2013 के मुंबई टेस्ट में भावनात्मक विदाई तक महान बल्लेबाज ने क्रिकेट में एक स्वर्णिम इतिहास स्थापित किया था। 2012 एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ अपनी आखिरी एकदिवसीय उपस्थिति के साथ उन्होंने दिसंबर 2012 के दौरान 50 ओवर के प्रारूप से अपने संन्यास की घोषणा की। वनडे में तेंदुलकर द्वारा 463 मैचों में उनकी उपस्थिति किसी खिलाड़ी द्वारा वनडे इतिहास में सबसे ज्यादा है। उनके द्वारा बनाये गये वनडे में 18,426 रनों के जादुई आंकड़े के टूटने की संभावना बेहद कम है। यह महान दाएं हाथ का बल्लेबाज जिसने अपने नाम 100 अंतरराष्ट्रीय शतक (सभी प्रारूपों को मिला कर) किये हैं, वह बांग्लादेश के खिलाफ 2012 एशिया कप मैच के दौरान 50 शतक बनाने वाला दुनिया का पहला बल्लेबाज बनते बनते रह गये। लेकिन उन्होंने 50 ओवर के प्रारूप में 49 शतक और 96 अर्धशतक के साथ रिकॉर्ड बुक में अपना नाम सबसे ऊपर रखा हुआ है।
#2 मोहम्मद यूसुफ- 9720 रन
माजीद खान, जहीर अब्बास और सईद अनवर के पद चिन्हों पर चलने पर मोहम्मद यूसुफ ने पाकिस्तान के इतिहास में सबसे क्लासिक बल्लेबाजों में से एक के रूप में खुद को उकेरने में काफी समय नहीं लगाया। 1998 में हरारे में अपने करियर की शुरुआत करने के बाद से इस दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 288 एकदिवसीय मैच खेले और 41.71 के औसत से 9720 रन बनाए। सईद अनवर के 20 शतकों के बाद सभी पाकिस्तानी बल्लेबाजों में वह 15 शतकों के साथ दूसरे स्थान पर हैं। 2010 की शुरुआत में यूसुफ वनडे में 10,000 रनों को पार करने के लिए केवल दूसरे पाकिस्तानी बल्लेबाज (इंजमाम-उल-हक के बाद) बनने के रास्ते पर थे। हालांकि, पूर्व कप्तान ने अपने स्वयं के करियर पर विराम लगाते हुए अस्थायी रूप से राष्ट्रीय टीम से संन्यास ले लिया। ऑस्ट्रेलियाई दौरे से खाली हाथ लौटने के कारण पीसीबी ने उन्हें अनिश्चित समय के लिये सस्पेंड कर दिया था। 2010 के आखिरी में टीम में लौटने के बावजूद यूसुफ ने जल्द ही खुद को प्रबंधको द्वारा बहिष्कृत पाया और धीरे धीरे दूर होते गये। केवल 280 रनों के साथ यह शानदार बल्लेबाज उस लिस्ट में शामिल होने से महरूम रह गया।
#1 एडम गिलक्रिस्ट - 9619 रन
संख्याओं के दायरे से बाहर कुछ महान खिलाड़ियों में एक एडम गिलक्रिस्ट ने दोनों प्रमुख प्रारूपों में विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका में क्रांतिकारी बदलाव किया। इस डायनामिक बाएं हाथ के बल्लेबाज का करियर 96 टेस्ट मैच और 287 वनडे के साथ समाप्त हुआ। 50 ओवर के प्रारूप में उन्होंने 96.94 की एक बढ़िया स्ट्राइक रेट पर 9619 रन बनाए। जिसमें से 9410 रन विकेटकीपिंग दस्ताने को थामने के बाद आये थे। 2008 में जब वह सेवानिवृत्त हुए तब इस लोकप्रिय खिलाड़ी के रनों की संख्या उस समय सभी विकेटकीपर में सबसे ज्यादा थी। गिलक्रिस्ट आखिरी बार वनडे में 2008 कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज़ के दूसरे फाइनल में नजर आये थे। हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम के हाथों मैच और श्रृंखला दोनों गंवा दी लेकिन प्रतिष्ठित विकेटकीपर बल्लेबाज को ब्रिस्बेन के दर्शकों से खूब तालियां मिली। वह 10,000 रन से 381 रन पहले ही रिटायर हो गये लेकिन उनकी कमी अभी भी कंगारुओं को खल रही है। लेखक- राम कुमार अनुवादक- सौम्या तिवारी