ऐसा कहा जाता है कि 'रिकॉर्ड टूटने के लिए ही बनते हैं ' लेकिन फिर भी, कुछ ऐसे रिकार्ड भी हैं जो शायद कभी नहीं टूट सकते हैं। तो आइए ऐसे रिकार्डों पर एक नज़र डालें: युवराज का 12 गेंदों में बनाया गया शानदार अर्धशतक टी -20 विश्व कप 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ युवराज का 12 गेंदों में बनाया गया शानदार अर्धशतक क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में सबसे तेज अर्धशतक है। यह रिकार्ड आज से 10 साल पहले बना था लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि यह आज भी कायम है। पहले टी -20 विश्व कप में युवराज ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था। उन्होंने इंग्लैंड के युवा गेंदबाज़ स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में लगातार 6 गगनचुंबी छक्के लगाकर 36 रन बना डाले थे जो भी एक रिकार्ड है। एक ओवर में 36 रन बनाने के बाद उन्होंने कुल 12 गेंदों में अर्धशतक बनाकर इतिहास रच डाला था। वह टी-20 में ऐसा करने वाले पहले और एकमात्र बल्लेबाज हैं और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसा करने वाला दूसरे खिलाड़ी बन गए थे। इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए, बल्लेबाज को 11 गेंदों में 454.54 की स्ट्राइक रेट पर 50 रन बनाने होंगे, जिसका मतलब यह है कि उन्हें हर गेंद पर चौका या छक्का लगाना पड़ेगा। लेकिन किसी ओर बल्लेबाज़ का ऐसा कारनामा करने की संभावना काफी कम लगती है। वनडे में रोहित शर्मा के 264 रन रोहित शर्मा ने 2014 में श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय मैच में रिकार्ड 264 रन बना कर इतिहास रच डाला था जो कि वनडे में किसी बल्लेबाज़ द्वारा बनाया गया सर्वाधिक स्कोर है। श्रीलंका के खिलाफ खेली अपनी धमाकेदार पारी में रोहित ने 173 गेंदों का सामना करते हुए ताबड़तोड़ 264 रन बनाए थे। यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसके टूटने की संभावना बहुत कम नज़र आती है। इसके अलावा रोहित वनडे में तीन दोहरे शतक लगाने वाले विश्व के पहले और एकमात्र खिलाड़ी हैं। हिटमैन रोहित के बल्ले से निकले यह रिकार्ड क्रिकेट इतिहास में लंबे समय तक बने रहने की पूरी सम्भावना है। एक टेस्ट पारी में ब्रायन लारा के 400 रन अपनी एक टेस्ट पारी में 400 रन बनाने का ब्रायन लारा का यह रिकॉर्ड ऐसे रिकार्डों में से एक है जिसे अटूट माना जा सकता है। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 2004 में यह रिकार्ड बनाया था और लगभग 14 सालों के बाद भी यह रिकार्ड कायम है। ऐसे में जबकि हर टीम टेस्ट मैच में जीत को ध्यान में रखते खेलते हैं, किसी बल्लेबाज़ का एक पारी में 400 का आंकड़ा छू पाना लगभग नानुम्किन सा लगता है।1990 में पाकिस्तान के खिलाफ अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत करने वाले वेस्ट इंडीज़ के बाएं हाथ के इस महान बल्लेबाज़ ने 400 रनों की मैराथन पारी खेलने के साथ साथ अपने टेस्ट करियर में 9 दोहरे शतक लगाए हैं और अपनी टीम की ओर से सर्वाधिक 11953 रन बनाए हैं। सचिन तेंदुलकर के अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर "सचिन" के नाम सैंकड़ों रिकार्ड हैं। हालाँकि जैसा की कहते हैं रिकार्ड बनते ही टूटने के लिए हैं लेकिन सचिन द्वारा बनाये कई रिकार्ड ऐसे हैं जो शायद ही कोई खिलाड़ी तोड़ पाए। "क्रिकेट के भगवान" कहे जाने वाले सचिन रमेश तेंदुलकर ने क्रिकेट के दोनों प्रारूपों को मिलाकर (टेस्ट और वनडे) कुल 100 शतक लगाए हैं, जो कि एक रिकार्ड है। 1989 में महज 17 साल की उम्र में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट से अपने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत करने वाले सचिन ने अपने टेस्ट करियर में कुल 200 टेस्ट खेलते हुए रिकार्ड 51 शतक लगाए हैं जबकि पाकिस्तान के खिलाफ ही 1989 में अपना पहला वनडे खेलने वाले सचिन ने कुल 463 वनडे खेलते हुए 49 शतक लगाए हैं और कुल 18426 रन बनाए हैं जो भी एक रिकार्ड है। यह ऐसा रिकार्ड है जिसके जल्दी टूटने की संभावना नहीं है और यह रिकॉर्ड तोड़ने के लिए किसी खिलाड़ी को असाधारण रूप से लगभग दो दशक तक अपनी फिटनेस पर ध्यान देना होगा और लगातार रन बनाने होंगे। सर डॉन ब्रैडमैन का 99.94 की आश्चर्यजनक औसत का रिकार्ड ऑस्ट्रेलिया के महानतम खिलाड़ी सर ब्रैडमैन अपने समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ रहे हैं। 1908 में जन्मे इस ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ी ने 20 साल की उम्र में इंग्लैंड के खिलाफ अपने क्रिकेट करियर का आगाज़ किया था और लगातार 20 साल क्रिकेट खेलने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ ही 1948 में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था। उन्होंने अपने क्रिकेट जीवन में खेले 52 टेस्ट मैचों की अपनी 82 पारियों में 99.94 की आश्चर्यजनक औसत के साथ कुल 6996 रन बनाए हैं जिनमें 29 शतक और 12 दोहरे शतक शामिल हैं। अगर उन्होंने अपने आखिरी टेस्ट में सिर्फ 4 रन बना लिए होते तो वह 100 की लाजबाव औसत से रन बनाने का रिकार्ड भी कायम कर लेते। फिर भी उनका 99.94 की आश्चर्यजनक औसत का रिकार्ड तोड़ना नामुमकिन लगता है। कम से कम आधुनिक क्रिकेट में यह रिकार्ड तोड़ना नामुमकिन ही है। लेखक: दननाथ शर्मा अनुवादक: आशीष कुमार