भारतीय क्रिकेट में हमेशा से ही एक अच्छे ऑलराउंडर की कमी रही है। अगर ऑप ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका जैसी टीमों को देखें तो इनके पास एक से बढ़कर एक महान ऑलराउंडर हुए हैं। रिचर्ड हैडली, इयान बॉथम और लॉन्स क्लूजनर जैसे दिग्गज ऑलराउंडर इस बात के सबूत हैं। लेकिन भारतीय क्रिकेट में ऐसा नहीं रहा है। यहां पर एक अच्छे ऑलराउंडर की तलाश मतलब कोयले की खदान से हीरा निकालना। भारतीय टीम में हमेशा से एक ऐसे ऑलराउंडर की कमी रही है जो कि तेज गति से अच्छी गेंदबाजी भी कर सके और एक प्रॉपर बैट्समैन की तरह रन भी बना सके। हालांकि साल 2000 से लेकर अब तक कई खिलाड़ियों ने ऑलराउंडर की भूमिका निभाई। लेकिन ये पूरी तरह से ऑलराउंडर खिलाड़ी नहीं थे। या तो बल्लेबाजी के साथ थोड़ी बहुत स्पिन गेंदबाजी कर लेते थे या फिर स्पिन गेंदबाजी के साथ निचले क्रम में थोड़ी बहुत बल्लेबाजी कर लेते थे। भारतीय ऑलराउंडरों की अगर बात करें तो लाला अमरनाथ पहले ऐसे ऑलराउंडर थे जिन्हे विश्व स्तर पर पहचान मिली। उन्होंने एक ही टेस्ट मैच में 5 विकेट लेने और 50 रन बनाने का कारनामा किया था। अपने करियर के शुरुआती दिनों में वो गेंदबाज से ज्यादा एक बल्लेबाज थे, लेकिन समय बीतने के साथ ही उनकी बल्लेबाजी में वो धार नहीं रह गई और वो पूरी तरह से एक गेंदबाज बन गए। दत्तू फडकर, पाली उमरीगर और मनोज प्रभाकर जैसे खिलाड़ियों ने भी ऑलराउंडर की भूमिका निभाई। लेकिन इनमे से कोई ज्यादा सफल नहीं हो सका। या तो ये पूरी तरह से गेंदबाज बन गए या पूरी तरह से बल्लेबाज बन गए। हालांकि ऐसा नहीं है कि भारतीय टीम में कोई अच्छा ऑलराउंडर नहीं हुआ। कई ऐसे खिलाड़ी हुए जिन्होंने एक ऑलराउंडर के तौर पर वर्ल्ड क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी। आइए जानते हैं ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में। 5. इरफान पठान इरफान पठान ने अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू अपने बड़े भाई यूसुफ पठान के बाद किया और जल्द ही वो भारतीय क्रिकेट का जाना-माना नाम बन गए। मुल्तान टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ उनकी पहले ही ओवर की हैट्रिक आज भी लोगों को याद है। किस तरह से उन्होंने लगातार 3 गेंदों पर सलमान बट्ट, यूनुस खान और मोहम्मद यूसुफ जैसे खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत लेफ्ट ऑर्म मीडियम फास्ट बॉलर के तौर पर की थी और जल्द ही अपनी विकेटटेंकिंग क्षमता के कारण वो भारतीय टीम के अहम गेंदबाज बन गए। गेंदबाजी के अलावा उनकी प्लस प्वॉइंट ये भी थी कि वो बल्लेबाजी भी काफी अच्छी कर लेते थे। पठान गेंदबाजी की शुरआत करने के अलावा मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करने में सक्षम थे। कई बार उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से बढ़िया प्रदर्शन किया। वन डाउन जाकर वो 83 रन की शानदार पारी भी खेल चुके हैं। इन्ही खूबियों की वजह से वो भारत के एक भरोसेमंद ऑलराउंडर बन गए। हालांकि बार-बार चोटिल होने की वजह से उनकी गेंदबाजी पर काफी असर पड़ा। उनकी गेंदों में वो पैनापन नहीं रह गया। जिससे उन्हे भारतीय टीम से बाहर होना पड़ा। हालांकि एक ऑलराउंडर के तौर पर आज भी उनकी क्षमता पर शक नहीं किया जा सकता है। 29 टेस्ट मैचो में इरफान पठान अब तक 1105 रन बना चुके हैं और साथ ही 100 विकेट भी चटका चुके हैं। इस दौरान उनका बैटिंग एवरेज 31.89 और बॉलिंग एवरेज 32.86 रहा है। इन 29 टेस्ट मैचो में वो एक शतक और 9 अर्धशतक भी जड़ चुके हैं। वनडे मैचो में भी इरफान पठान का प्रदर्शन बढ़िया रहा है। 120 मैचो में 23.39 की औसत से उन्होंने 1544 रन बनाए हैं जबकि 29.72 की औसत से 173 विकेट भी चटकाए हैं। 4. रवि शास्त्री भारतीय टीम के वर्तमान कोच रवि शास्त्री भी एक अच्छे ऑलराउंडर थे। मिडिल ऑर्डर में वो एक हार्ड हिटिंग बैट्समैन थे जबकि लेफ्ट ऑर्म गेंदबाजी भी कर लेते थे। शायद वो सीमित ओवरों के क्रिकेट के पहले मॉर्डन ऑलराउंडर थे। उन्होंने मेन इन ब्लू के लिए 150 वनडे मैच खेले, जिसमें 3109 रन बनाने के अलावा 129 विकेट भी चटकाए। टेस्ट मैचों में भी रवि शास्त्री का रिकॉर्ड काफी बढ़िया है। 80 टेस्ट मैचो में उन्होंने 35.79 की औसत से 3830 रन बनाए। इस दौरान रवि शास्त्री ने 11 शतक औऱ 12 अर्धशतक लगाए। वहीं गेंदबाजी में 151 विकेट चटकाए। उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक भी है जो उन्होंने सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगाया था। रवि शास्त्री लंबे-लंबे छक्के मारने में माहिर थे। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में वो 6 गेंदों में लगातर 6 छक्के लगा चुके हैं। ये कारनामा उन्होंने साल 1985 में किया था। 3. रविचंद्रन अश्विन रविचंद्रन अश्विन इस वक्त भारतीय टीम के नंबर वन स्पिनर हैं। लेकिन उनकी बल्लेबाजी भी कम नही है। अगर रिकॉर्ड पर नजर डालें तो उनके बैटिंग टैलेंट का पता चलता है। 51 टेस्ट मैचो में रविचंद्रन अश्विन अब तक 281 विकेट चटका चुके हैं। लेकिन इसके अलावा वो नंबर 7 या 8 पर बल्लेबाजी करते हुए अब तक वो 2 हजार से ज्यादा रन भी बना चुके हैं। इससे पता चलता है कि वो कितने अच्छे ऑलराउंडर हैं। टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेजी से 2000 हजार रन बनाने और 250 विकेट लेने वाले वो पहले खिलाड़ी बन गए। उन्होंने रिचर्ड हैडली, इयॉन बॉथम और इमरान खान जैसे दिग्गज ऑलराउंडरों के रिकॉर्ड तोड़ा। ये कारनामा उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ इस वक्त चल रही टेस्ट सीरीज के दौरान किया। अश्विन टेस्ट मैचो में अब तक 4 शतक लगा चुके हैं और आने वाले दिनों में ये आंकड़ा बढ़ भी सकता है। एकदिवसीय क्रिकेट में भी रविचंद्रन अश्विन का प्रदर्शन काफी बढ़िया रहा है। 105 मैचो में वो अब तक 150 विकेट झटक चुके हैं। इसके अलावा 16.43 की औसत से 674 रन भी बना चुके हैं। अश्विन को एकदिवसीय क्रिकेट में बल्लेबाजी का ज्यादा मौका नही मिलता क्योंकि भारतीय टीम की बल्लेबाजी काफी मजबूत है। अगर उस हिसाब से देखें तो ये रन कम नही हैं। नंबर 9 के बल्लेबाज को ज्यादा ओवर खेलने के लिए भी नहीं मिलता। अश्विन भारत के दिग्गज ऑलराउंडरों की सूची में आ चुके हैं और जैसे-जैसे उनका क्रिकेट आगे बढ़ेगा और वो अपने रिकॉर्ड में और इजाफा करते जाएंगे। 2. वीनू मांकड़ वीनू मांकड़ एक स्टाइलिश राइट हैंडेड बैट्समैन थे जो कि किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी कर सकते थे। ओपनिंग से लेकर निचले क्रम में वो हार्ड हिटिंग बल्लेबाजी भी करने में सक्षम थे। इसके अलावा वो लेफ्ट ऑर्म आर्थोडॉक्स स्पिन गेंदबाजी करने में भी महिर थे। मैदान पर वो फील्डिंग भी काफी बढ़िया करते थे। कुल मिलाकर कहें तो खेल के हर एक विभाग में वो माहिर थे। 1946 में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने अपना टेस्ट डेब्यू किया था। अपने करियर में 44 टेस्ट मैचो में उन्होंने 2109 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 162 विकेट झटके। बल्लेबाजी में भी उनके नाम 5 शानदार शतक और 7 अर्धशतक दर्ज हैं। 1956 में न्यूजीलैंड के खिलाफ मद्रास टेस्ट मैच में उन्होंने 231 रनों की मैराथन पारी खेली थी जो कि आज भी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। वीनू मांकड़ ने पंकज रॉय के साथ 413 रनों की ओपनिंग साझेदारी की थी। ये उस वक्त की सबसे लंबी ओपनिंग पार्टरनशिप थी। ये रिकॉर्ड काफी समय तक कायम रहा । बाद में ग्रीम स्मिथ और नील मैकेंजी की जोड़ी ने इस रिकॉर्ड को तोड़ा। मांकड़ उन चुनिंदा भारतीय प्लेयरों मे से हैं जो कि एक टेस्ट मैच की एक पारी में शतक लगाने और 5 विकेट लेने का कारनामा कर चुके हैं। गेंदबाज के तौर पर वो एक टेस्ट मैच में 2 बार 10 विकेट चटका चुके हैं। उनके नाम एक सीरीज में सबसे ज्यादा 34 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी रहा। ये रिकॉर्ड काफी लंबे समय तक बना रहा। 1.कपिल देव
टेस्ट हो या वनडे दोनों ही फॉर्मेट में कपिल देव का रिकॉर्ड काफी बढ़िया है। उन्होंने अपने करियर में 131 टेस्ट मैच खेले और 225 वनडे मैच खेले। संन्यास लेने तक वो दोनों ही प्रारुपों में कुल मिलाकर 9031 रन बना चुके थे और 687 अंतर्राष्ट्रीय विकेट भी चटका चुके थे। 1983 वर्ल्ड कप में जिम्बॉब्वे के खिलाफ उनकी 175 रनों की पारी आज भी भारतीय क्रिकेट की सबसे महान पारी मानी जाती है। क्रिकेट इतिहास के वो पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट लेने के अलावा 5 हजार रन बनाने का कारनामा किया है। उन्हे विजडन इंडियन क्रिकेटर ऑफ द् सेंचुरी की भी उपाधि दी जा चुकी है। लेखक- प्रसेनजीत अनुवादक-सावन गुप्ता