IPL: इंडियन प्रीमियर लीग इतिहास के 5 सबसे बेहतरीन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़

ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों ने आईपीएल में पहले सीज़न से ही अहम योदगान दिया है। चेन्नई सुपर किंग्स के माइकल हसी, डेक्कन चार्जर्स के एडम गिलक्रिस्ट, किंग्स-XI पंजाब के शॉन मार्श ने अपनी टीम को ऊंचाइयों पर पहुंचाया है और ये साबित किया है कि टीम में उनकी अहमियत क्या है। हम यहां ऑस्ट्रेलिया के 5 बल्लेबाज़ों के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने आईपीएल में अपनी विस्फोटक बल्लेबाज़ी से हर क्रिकेट फ़ैंस का दिल जीता है।

#5 माइकल हसी

निरंतरता का दूसरा नाम माइकल हसी है और आईपीएल में उन्होंने ये साबित कर दिखाया था। आईपीएल के हर सीज़न में उनका प्रदर्शन शानदार रहा है। हसी ने साल 2008 से लेकर साल 2013 तक चेन्नई टीम के लिए योगदान दिया है और कई अहम ज़िम्मेदारी संभाली है। पहले सीज़न में उन्होंने शतक लगाया था, छठे सीज़न में उन्होंने सबसे ज़्यादा रन बनाने के लिए ऑरेंज कैप मिला था। उस साल उन्होंने कुल 733 रन बनाए थे। वो एक बेहतरीन ओपनिंग बल्लेबाज़ थे जिन्होंने अपने खेल की बदौलत चेन्नई सुपर किंग्स को साल 2010 और 2011 में आईपीएल ख़िताब दिलाया था। वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के ये क्रिकेटर साल 2014 में मुंबई टीम में शामिल हो गए थे। हसी ने साल 2015 में अपना आख़िरी आईपीएल सीज़न चेन्नई टीम के लिए खेला था। हसी ने 59 आईपीएल मैच में 38 की औसत और 122.64 की स्ट्राइक रेट से कुल 1977 रन बनाए हैं।

#4 एडम गिलक्रिस्ट

इस बात में कोई शक नहीं कि एडम गिलक्रिस्ट एक बेहद विस्फोटक ओपनिंग बल्लेबाज़ थे। उन्होंने आईपीएल में अपनी गहरी छाप छोड़ी है। आईपीएल के पहले सीज़न में उन्होंने डेक्कन चार्जर्स की तरफ़ से खेलते हुए मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ शतक लगाया था। दूसरे सीज़न में उन्होंने अपनी कप्तानी में डेक्कन टीम को आईपीएल ख़िताब दिलाया था। आईपीएल के दूसरे सीज़न में उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल में ज़बरदस्त बल्लेबाज़ी की बदौलत जीत हासिल की थी। दर्शकों में रोमांच पैदा करना गिली की ख़ासियत में शुमार है। पहले 3 आईपीएल सीज़न के बाद वो किंग्स इलेवन पंजाब टीम में शामिल हो गए थे। आईपीएल के 80 मैच में गिली ने 138.39 की स्ट्राइक रेट से 2069 रन बनाए हैं

#3 शॉन मार्श

शॉन मार्श आईपीएल के पहले सीज़न से किंग्स-XI पंजाब के सदस्य रहे हैं, इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन की बदौलत उन्हें आस्ट्रेलिया की टीम में खेलने का मौक़ा मिला। वो किसी भी तरह की बॉलिंग अटैक का सामना करने को तैयार रहते थे। उनके टीम में योगदान की वजह से पंजाब प्लेऑफ़ में भी पहुंची थी। आईपीएल में पहली बार ऑरेंज कैप मार्श को ही मिला था। किंग्स इलेवन पंजाब टीम का स्तर बढ़ाने में उन्होंने काफ़ी मदद की है। 71 आईपीएल मैच में उन्होंने 39.95 की औसत से 2477 रन बनाए थे। आईपीएल में उनके नाम एक शतक भी है। हालांकि आईपीएल 2018 की नीलामी में उन्हें कोई ख़रीदार नहीं मिला।

#2 शेन वॉटसन

हांलाकि पिछले सीज़न में शेन वॉटसन के फ़ॉम में गिरावट देखने को मिली थी लेकिन वो इस टूर्नामेंट के सबसे निरंतर क्रिकेटर्स में से एक हैं। उनके सामने किसी भी गेंदबाज़ की एक नहीं चलती। राजस्थान रॉयल्स टीम को आईपीएल का पहला ख़िताब जिताने में वॉट्सन का बड़ा योगदान है। कई मौक़ों पर उन्होंने अकेले अपने दम पर राजस्थान टीम को जीत दिलाई है। छठे आईपीएल सीज़न में उन्होंने 543 रन बनाए थे। उन्हें ‘वाट्टो’ के नाम से भी जाना जाता है। पहले 8 आईपीएल सीज़न में वो राजस्थान रॉयल्स के सदस्य थे। साल 2016 में वो आरसीबी टीम में शामिल हो गए थे। आईपीएल के 102 मैच में उन्होंने 2622 रन बनाए हैं जिसमें 2 शतक भी शामिल हैं। आने वाले आईपीएल सीज़न में वो चेन्नई सुपरकिंग्स की तरफ़ से खेलते हुए नज़र आएंगे।

#1 डेविड वॉर्नर

डेविड वॉर्नर ने साल 2009 में दिल्ली डेयरडेविल्स टीम की तरफ़ से डेब्यू किया था। हांलाकि उन्होंने सनराइज़र्स हैदराबाद की तरफ़ से खेलते हुए ज़्यादा कामयाबी हासिल की थी। वो टूर्नामेंट के एक कामयाब बल्लेबाज़ हैं। वो अपने पहले 5 आईपीएल सीजन में दिल्ली टीम के लिए खेल रहे थे। साल 2014 में वो सनराइज़र्स हैदराबाद टीम में शामिल हो गए थे। नारंगी जर्सी में खेलते हुए उन्होंने अपनी टीम को कई मैच जिताए हैं। इसके अलावा साल 2016 में वॉर्नर ने हैदराबाद टीम को आईपीएल ख़िताब जीतने में मदद की थी। हैदराबाद टीम की तरफ़ से उन्होंने सबसे ज़्यादा रन बनाए हैं। क्रिस गेल की तरह वॉर्नर ने 2 बार ऑरेंज कैप हासिल किया है। आईपीएल इतिहास में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों की लिस्ट में वो 5वें नंबर पर काबिज़ हैं। 114 आईपीएल मैच में उन्होंने 40.54 की औसत से 4014 रन बनाए हैं, जिसमें 3 शतक शामिल हैं। दक्षिण अफ़्रीका में हुए बॉल टैंपरिंग विवाद की वजह से वॉनर पर 1 साल का प्रतिबंध लगा है, ऐसे में वो इस साल का आईपीएल मैच नहीं खेल पाएंगे। लेखक- कोव्वली तेजा अनुवादक- शारिक़ुल होदा