2004 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के समय ज़िम्बाब्वे के खिलाफ एडिलेड के ग्राउंड पर भारत का स्कोर 4 रन पर 3 विकेट था और एक बार फिर टीम को सहारा दिया संकटमोचन के नाम से मशहूर वीवीएस लक्ष्मन ने। लक्ष्मन एक छोर पर खड़े रहे, उन्हें पहले राहुल द्रविड़ का साथ मिला, जिन्होने 56 रन बनाए और उसके बाद रोहन गावस्कर का भी उन्हें अच्छा साथ मिला। रोहन ने भी उस पारी में 54 रन बनाए। अंत में लक्ष्मण ने शानदार सेंचुरी लगाई और 131 रन बनाकर आउट हुए। इंडिया ने उस मैच में 50 ओवरों में 280 रन बनाए। ज़िम्बाब्वे ने रनों का पीछा करते हुए अपनी जान लगा दी, लेकिन वो मैच 3 रन से हार गए। उस मुकाबले में ज़िम्बाब्वे के लिए स्टुअर्ट कारलाइस्ले और सीन एरवाइन ने सेंचुरी लगाई।