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यह एक ऐसा समय था, जब भारतीय टीम का ऊपरी क्रम रन बनाने में कामयाब नहीं हो पा रहा था। 251 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम का स्कोर एक 36-4 था और उसके 91 रनों के अंदर ही टीम ने अपने 5 विकेट गवां दिए थे। युवराज जो उस समय अपने करियर की सबसे अच्छी फॉर्म में थे। उन्हें उस मैच में एमएस धोनी का अच्छा साथ मिला, जिनके साथ उन्होने 158 रनों की साझेदारी की। युवराज से आउट होने से पहले टीम को जीत के काफी करीब पहुंचाया दिया था। उन्होने इस मैच में 120 रनों की शानदार पारी खेली।
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