न्यूजीलैंड की टीम टीम इंडिया को उसके घर में चुनौती देने आ रही है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट 22 सितंबर को कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में शुरू होगा। दोनों देशों के बीच सीरीज का दूसरा टेस्ट 30 सितंबर से कोलकाता के ईडन गार्डन पर होगा और फिर 8 अक्टूबर से तीसरा टेस्ट इंदौर के होलकर स्टेडियम में शुरू होगा। इस दौरान कीवी टीम एक अभ्यास मैच 16-18 सितंबर तक रणजी चैंपियन मुंबई के खिलाफ दिल्ली में खेलेगी। कीवी टीम के तेज गेंदबाजों ने भारत में काफी सफलता हासिल की है। भारतीय जमीन पर कीवी गेंदबाजों ने कुछ शानदार प्रदर्शन किए हैं, जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता। आज आप हमको ऐसे ही पांच शानदार प्रदर्शन की याद दिलाने जा रहे हैं :
भारत के 487 रन के जवाब में 459 रन बनाने के बाद न्यूजीलैंड को अहमदाबाद में हुए पहले टेस्ट में पकड़ बनाने के लिए अच्छे गेंदबाजी प्रदर्शन की जरुरत थी। न्यूजीलैंड के पास अच्छे गेंदबाजों की फौज भी थी, लेकिन पहली पारी में बड़े स्कोर को देखते हुए उसे किसी गेंदबाज से विशेष प्रदर्शन की उम्मीद थी। ऐसे में तेज गेंदबाज क्रिस मार्टिन ने जिम्मेदारी उठाई और शानदार प्रदर्शन करते हुए गौतम गंभीर, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और सुरेश रैना के कीमती विकेट लिए। मार्टिन के इस विशेष प्रदर्शन की वजह से मेजबान टीम एक समय 65 रन पर 6 विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी। उन्होंने 63 रन देकर 5 विकेट हासिल किए। अगर वीवीएस लक्ष्मण और हरभजन सिंह के बीच अच्छी साझेदारी नहीं होती तो न्यूजीलैंड की टीम भारतीय जमीन पर कमाल कर देती। बहरहाल, क्रिस मार्टिन के इस प्रदर्शन को भारतीय जमीन पर किए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक जरुर माना जाता है। 4) डेनियल विटोरी (1999 में कानपुर में 127 रन देकर 6 विकेट) मोहाली में टेस्ट ड्रॉ कराने के बाद भारत और न्यूजीलैंड की टीम कानपुर पहुंची जहां दोनों टीमों का इरादा सीरीज में बढ़त बनाने का था। मेजबान टीम ने इस टेस्ट में दमदार प्रदर्शन करते हुए मेहमान टीम को 256 रन पर समेट दिया। इसके जवाब में कीवी टीम ने भी सकारात्मक प्रदर्शन किया। 20 वर्षीय बाएं हाथ के स्पिनर डेनियल विटोरी ने 55.1 ओवर में 127 रन देकर 6 विकेट लिए और भारत को 330 रन पर ऑलआउट कर दिया। कीवी टीम के बल्लेबाजों ने दूसरी पारी में भी लचर प्रदर्शन करके काफी निराश किया, जिसकी वजह से उन्हें मेजबान टीम के हाथों 8 विकेट की शिकस्त झेलना पड़ी। मगर विटोरी ने इस टेस्ट में संकेत दे दिए थे कि वह उपमहाद्वीप परिस्थितियों में सफल जरुर होंगे। बाकी इतिहास है, आप सभी जानते हैं कि विटोरी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कितनी कामयाबी हासिल की है। उन्होंने कुछ समय तक कीवी टीम की कमान भी संभाली और इस दौरान उन्होंने एक बेहतर ऑलराउंडर होने का सबूत भी पेश किया। 3) रिचर्ड हेडली (1988 में मुंबई में 88 रन देकर 10 विकेट) इस क्रिकेटर की जितनी तारीफ की जाए वो कम है। क्रिकेट के सर्वकालिक महान तेज गेंदबाजों में से एक रिचर्ड हेडली ने भी भारत में काफी सफलता हासिल की। यू भी कह सकते हैं कि सर रिचर्ड हेडली को उपमहाद्वीप की परिस्थितियां काफी रास आई। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भारत के खिलाफ मुंबई में 1998 में आया। उन्होंने पहली पारी में 49 रन देकर 6 विकेट लिए और भारत को पहली पारी में 294 रन पर समेटने में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद मैच की चौथी पारी में भारत को जीत के लिए 282 रन की जरुरत थी। तब सर रिचर्ड हेडली ने 39 रन देकर 4 विकेट लिए और मेजबान टीम दूसरी पारी में 145 रन पर ढेर हो गई। कीवी टीम ने भारतीय जमीन पर 137 रन की यादगार जीत दर्ज की। यह पूरी सीरीज हेडली के लिए शानदार साबित हुई और उन्होंने सीरीज में कुल 18 विकेट लिए। हेडली ने ऑफ स्टंप पर कसी हुई गेंदबाजी करके भारतीय बल्लेबाजों को खूब परेशान किया। सर रिचर्ड हेडली की गेंदों ने भारतीय बल्लेबाजों पर जबर्दस्त खौफ जमाया। उनकी कसी हुई लाइन के सामने बल्लेबाजों को रन बनाना बहुत मुश्किल पड़ रहा था। न्यूजीलैंड के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज सर रिचर्ड हेडली के लिए यह सीरीज यादगार बन गई और बनती भी क्यों नहीं... उपमहाद्वीप में तेज गेंदबाज के लिए सफलता हासिल करना आसान काम बिलकुल भी नहीं है। 2) डियोन नैश (1999 में मोहाली में 27 रन देकर 6 विकेट) अगर इस खिलाड़ी का करियर चोटों से प्रभावित नहीं होता तो निश्चित ही डियोन नैश क्रिकेट के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से एक होते। उन्होंने अपनी क्षमता 1999 में मोहाली टेस्ट में भारत के खिलाफ दर्शाई भी। नैश ने अपनी गति और स्विंग से भारतीय बल्लेबाजी क्रम को ताश के पत्तों की तरह बिखेर के रख दिया। कीवी तेज गेंदबाज ने सिर्फ 11 ओवर में 27 रन देकर 6 विकेट लिए और भारत को पहली पारी में मात्र 83 रन पर ढेर कर दिया। नैश के शानदार प्रदर्शन का फायदा कीवी टीम नहीं उठा सकी। हेडली के समान नैश दूसरी पारी में ज्यादा कमाल नहीं दिखा सके और इसका नतीजा यह रहा की मुकाबला अनिर्णीत रहा। भारत ने दूसरी पारी में दमदार प्रदर्शन किया और यह टेस्ट ड्रॉ रहा। इस टेस्ट में नैश ने जबर्दस्त रफ़्तार और स्विंग का नमूना पेश किया था। उन्होंने भारत के शीर्ष क्रम को बुरी तरह बिखेर कर रख दिया था। नैश का शानदार प्रदर्शन लंबे समय तक याद रखा जाएगा। 1) टिम साउदी (2012 में बंगलोर में 64 रन देकर 7 विकेट) मौजूदा क्रिकेटरों में विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्विंग गेंदबाजों में से एक टिम साउदी ने सभी परिस्थितियों में खुद को एक बेहतर गेंदबाज के रूप में विकसित किया है। टिम और बोल्ट की जोड़ी विश्व में अपनी ख्याति बना रही है। साउदी गेंदबाजी के साथ-साथ बल्ले से भी अपने जौहर दिखाने में माहिर है। उन्होंने 2012 में बंगलोर में भारत के खिलाफ कमाल का प्रदर्शन करके एशियाई परिस्थितियों में अपने सफल होने के संकेत दिए। उन्होंने 64 रन देकर 7 विकेट लिए और भारत को 353 रन पर समेटा। तेज गेंदबाज के शानदार प्रदर्शन की बदौलत न्यूजीलैंड ने पहली पारी के आधार पर 12 रन की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की। कीवी टीम ने पहली पारी में 365 रन बनाए थे। हालांकि रविचंद्रन अश्विन के विशेष प्रदर्शन की बदौलत भारत को टेस्ट जीतने के लिए 250 रन का लक्ष्य मिला। भारत ने इसे सफलतापूर्वक हासिल किया और इसकी बदौलत मेजबान टीम ने सीरीज 2-0 से अपने नाम की।