ऑस्ट्रेलिया होबार्ट टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका से हार गया और इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया ने 2010-11 के बाद घर में पहली सीरीज़ गंवा दी। ये दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की पांचवी लगातार हार है, गेंदों के अंतर के लिहाज़ से ये उनकी चौथी सबसे बड़ी हार है, इतना सब होने के चलते आज ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट से जुड़े लोगों की नौकरियां दांव पर हैं। खिलाड़ियों से लेकर सपोर्ट स्टाफ और यहां तक कि परफॉर्मेंस चीफ पैट होवार्ड की नौकरी भी खतरे में आ गई है। यहां तक कि स्टीव स्मिथ की कप्तानी पर भी सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने पर्थ टेस्ट में पिच टूटने के बाद तक भी लॉयन को गेंद क्यों नहीं थमाई। ऑस्ट्रेलिया हर हाल में एडीलेड में शुरु हो चुके डे-नाइट टेस्ट को जीतकर या ड्रॉ कराकर शर्मनाक क्लीन स्वीप टालना चाहेगी, लेकिन अगर ऐसा ना हो सका तो ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं और स्मिथ की कप्तानी भी जा सकती है। चलिए उन 5 खिलाड़ियों पर नजर डालते हैं जो टेस्ट टीम में स्मिथ की कप्तानी जाने के बाद उनकी जगह ले सकते हैं :
# 1 डेविड वॉर्नर
जो पहला नाम जेहन में आता है वो है मौजूदा टीम के उपकप्तान डेविड वॉर्नर। बाएं हाथ के बल्लेबाज डेविड वॉर्नर, न्यू साउथ वेल्स से आते हैं और बतौर कप्तान वो खुद को पहले साबित कर चुके हैं। वॉर्नर की कप्तानी में कंगारू टीम श्रीलंका में वन-डे सीरीज़ जीतकर आई है, जहां स्मिथ को सीरीज़ के बीच में ही आने वाली समर्स के लिए रेस्ट दे दिया गया था और घर भेज दिया था। सनराइजर्स हैदराबाद को इसी साल आईपीएल का खिताब जिताने में भी वॉर्नर का अहम योगदान था। भारत में हुए इस भव्य कार्यक्रम में सबसे ज्यादा रन बनाने की लिस्ट में भी वॉर्नर का नाम शामिल था। ऐसा तब हुआ जब उन्हें टीम की कमान दी गई। वॉर्नर अपने कभी न हार मानने की रवैये के लिए जाने जाते हैं और अगर उन्हें टीम की कमान जाती है तो वो टीम में नई ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। ये तमाम कारण जो चयनकर्ताओं को वॉर्नर का नाम बतौर कप्तान आगे करने के लिए लुभा सकते हैं। # 2. जॉर्ज बेली
बेली खुद को टेस्ट लेवल पर साबित करने के एक और मौका पाने के जरूर हकदार है। जॉर्ज बेली ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आजाज़ बतौर कप्तान किया, हालांकि वो टीम बिलकुल नई नवेली टीम थी। बेली डेव ग्रेगरी के बाद सिर्फ दूसरे ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने डेब्यू बतौर कप्तान किया। तस्मानिया के इस बल्लेबाज़ के लिए कप्तानी कोई नया पेशा नहीं था क्योंकि वो साल 2009-10 में अपने राज्य की टीम के फुलटाइम कप्तान रहे चुके है। बेली की कप्तानी में टीम ने 2010-11 में शेफील्ड शील्ड का खिताब भी जीता था। बेली ने क्लार्क की अनुपस्थिति में भी कई बार वऩडे टीम की कमान संभाली है। साल 2013 में भारत में बेली ने कप्तानी करते हुए सीरीज़ में सबसे ज्यादा रन बनाए। इस वक्त ऑस्ट्रेलियाई टीम परेशानी में है औऱ उन्हें एक ऐसे मध्यक्रम के बल्लेबाज़ की तलाश है जो उनकी पारी को स्थिरता दे सके। ऐसे में बेली से बेहतर विक्लप और कौन हो सकता है। बेली को खुद को टेस्ट में साबित करने के लिए कम ही मौके मिले हैं। उनका घरेलू और वनडे और टी-20 रिकॉर्ड ये दर्शाता है कि वो टेस्ट में एक और मौके के हकदार हैं जो हो सकता है कि उनके टेस्ट करियर को आगे ले जाने के लिए काफी उपयोगी सिद्ध हो। बतौर कप्तान जॉर्ज बेली विपक्षी टीम के लिए स्मिथ से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकते हैं और टीम में लिए नई ऊर्जा ला सकते हैं। मुश्किल परिस्थितियों में फील्ड पर शांत रहने की क्षमता और उनके रिकॉर्ड्स ये दर्शाते हैं कि ऑस्ट्रेलियाई टीम में बेली को एक लीडर के तौर पर देख सकता है। # 3 जोश हेजलवुड
जोश हेजलवुड उन चार खिलाड़ियों में से एक हैं जिनकी जगह टीम में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाले तीसरे और आखिरी टेस्ट के लिए पक्की है। हेजलवुड भी कप्तानी के लिए एक विकल्प हैं। हेजलवुड गजब के गेंदबाज़ हैं और अपनी लाइन-लेंथ के लिए जाने जाते हैं जिसकी तुलना ग्रेट ग्लेन मैकग्राथ से की जाती है। हेजलवुड अपने कप्तान के लिए प्रमुख हथियार रहे हैं बात फिर चाहे घर में खेलने की हो या बाहर । अपने डेब्यू के बाद से ही हेजलवुड टीम के स्थायी सदस्य हैं। ज्यादातर मौकों पर हेजल मिचेल स्टार्क के साथ मिलकर शांत सैनिक का किरदार निभाते हैं। शायद उन्हें अब अपने ऊपर मैनेजमेंट का हाथ चाहिए और क्या मालूम खुद पर इस जिम्मेदारी के आने से उनका खेल में और सुधार आ जाए। ऑस्ट्रेलिया का कप्तान बनकर वो और खतरनाक बन सकते हैं, जो हो सकता है कि आने वाले समय में उन्हें ऑस्ट्रेलिया का सबसे सफल गेंदबाज़ बना दे। हेजलवुड की उम्र को ध्यान रखते हुए वो लंबे अंतारराष्ट्रीय करियर के लिए तैयार हैं इसलिए उन्हें भविष्य के कप्तान के तौर पर एक विकल्प सोचकर देखा जा रहा है। # 4 मैथ्यू वेड
ये विकेटकीपर बल्लेबाज़ ऑस्ट्रेलिया के लिए तीनों फॉर्मैट्स में खेल चुका है, लेकिन निरंतरता बरकरार नहीं रख सका । अगर ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ता किसी नए चहरे को कप्तान बनाने पर विचार कर रहे हैं तो वेड एक अच्छे विकल्प हैं। मौजूदा टीम के विकेटकीपर पीटर नेविल संघर्ष करते दिख रहे हैं और ब्रैड हैडिन और गिलक्रिस्ट जैसा खेल नहीं दिखा पा रहे ऐसे में वेड नेविल की जगह टीम में लेने के पूर्ण हकदार हैं । तस्मानिया के मैथ्यू वेड स्वाभाविक रूप से आक्रामक हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिर से टेस्ट क्रिकेट में अपना टैलेंट दिखाने के हकदार हैं । वेड एक भरोसेमंद कीपर हैं और अभी तक खेले 12 टेस्ट में उनकी औसत 35 के करीब है। वेड की खास बात यह है कि वो फील्ड पर बेहद सक्रिय हैं और साथी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते रहते हैं जो दबाव की स्थिति में टीम के लिए काफी मददगार साबित होता है। ऑस्ट्रेलिया को इस वक्त ऐसे ही कप्तान की जरूरत है और वेड इस टीम को प्रोतसाहित कर सकते हैं। धोनी की कप्तानी की सफलता एक उद्धारण है जो वेड के केस को और मजबूत करती है। अगर स्टीव स्मिथ बतौर कप्तान और पीटर नेविल बतौर विकेटकीपर ऐसे ही संघर्ष करते रहे तो चयनकर्ता वेड की स्वभाविक आक्रामकता को ध्यान में रखते हुए उन्हें ऑस्ट्रेलिया का नया कप्तान बनाने पर विचार कर सकते हैं। # 5 नाथन लायन
लायन ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल ऑफस्पिनर हैं और 60 टेस्ट का अनुभव उन्हें टीम का कप्तान बनाने का एक अच्छा विकल्प बनाता है। हेजलवुड की ही तरह लायन भी खेल के आज्ञाकारी शिष्य हैं जो एक छोर बांधकर रखते हैं, जिससे तेज़ गेंदबाज़ नहीं थके। लायन इस समय ऑस्ट्रेलिया के बेस्ट स्पिनर हैं और उनके आंकड़े भी इस बात को साबित करते हैं।
भले ही लायन का रिकॉर्ड अश्विन और यासिर शाह जैसा न हो, लेकिन ऑफ़स्पिनर ने ज्यादातर विकेट ऐसी पिचों पर झटकें हैं जो स्पिनर्स के लिए कम मददगार हैं। अगर उन्हें टीम की जिम्मेदारी दी जाती है तो वो उसे भुना सकते हैं जैसे कि वो गेंदबाज़ी के दौरान करते हैं। क्योंकि ऑस्ट्रेलिया का भारत दौरा करीब है, ऐसे में टीम को भारतीय परिस्थितियों से लड़ने के लिए लायन के आत्मविश्वास की काफी जरूरत है। कप्तानी मिलने से उनकी टीम में जगह अपने आप पक्की हो जाएगी, जिससे लियॉन का आत्मविश्वास बढ़ेगा जो टीम और खुद लायन के लिए बेहतर होगा।