इस खिलाडी के सामने तो ख़ुद खेल ने ही घुटने टेके हैं। डॉन ब्रेडमैन भी जो नहीं कर पाए वो सचिन ने कर दिखाया। उन के लिए बीसीसीआई ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ वानखेड़े में दो टेस्ट और फ़ेयरवेल टूर भी कराया था। 100 शतक लगाने वाले और ऑस्ट्रेलिया को 4-0 से हारने वाली टीम का हिस्सा बनने वाले वह खिलाडी मुंबई में ही 74 रन बनाकर विदा हुए। सब चाहते थे कि वे शतक से अपना करियर ख़त्म करे पर वह संभव नहीं हो पाया। रिटायरमेंट से पहले उन्होंने 6 टैस्ट लगातार जीते। 53.78 की औसत से 119 बार 50 से ज़्यादा का स्कोर बनाकर उन्होंने हर क्रिकेट प्रेमी को ख़ुश किया है। लेखक: कृष श्रीपदा, अनुवादक: सेहल जैन
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