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भारत ने तीन रन से मुकाबला जीता भारत व श्रीलंका के बीच सीरीज का पहला मैच राजकोट में खेला गया था। बल्लेबाजों के लिए अनूकूल मानी जानी वाली विकेट पर सचिन-सहवाग की सलामी जोड़ी ने 19।3 ओवर में 153 रन की साझेदारी निभाई। उसके बाद सहवाग व धौनी ने मिलकर भारत का स्कोर 35 ओवर में 308/1 तक पहुंचा दिया। एक समय भारतीय टीम वनडे का सर्वाधिक स्कोर बनाने का रिकार्ड बनाने की ओर बढ़ रही थी, लेकिन सहवाग (146) व धौनी (72) के एक ही ओवर में आउट हो जाने की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। भारतीय टीम अंतिम 15 ओवर में मात्र 106 रन ही बना सकी, फिर भी श्रीलंका के सामने 414/7 रन का लक्ष्य रखने में टीम कामयाब हो गई। लेकिन श्रीलंकाई टीम ने भी जोरदार खेल दिखाया सलामी बल्लेबाज उपुल थरंगा के आउट होने तक 24 ओवर में 188 रन बना लिए थे। लेकिन संगकारा ने आते ही मैच को एकतरफा कर दिया और 43 गेंदों में ही 90 रन ठोंक दिए। दिलशान व संगकारा ने जीत के समीकरण को 81 गेंद व 99 रन कर दिया था। दिलशान 160 रन बनाकर आउट हो गये, फिर भी श्रीलंका को जीत के लिए 65 गेंदों पर 76 रन की जरूरत थी। लेकिन जल्दी-जल्दी 3 विकेट गिरने से मैच एक बार फिर भारत के पक्ष में आ गया। लेकिन थिलन कदांबी व एंजेलो मैथ्यूज अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे। अंतिम 12 गेंदों में श्रीलंका को जीत के लिए 15 रन बनाने थे। जहीर खान 49 ओवर करने आये और उन्होंने मात्र 4 रन देकर कदांबी का विकेट लिया और थिलन समरवीरा को रनआउट करवा दिया। आखिरी ओवर फेंकने के लिए आशीष नेहरा आए और उनके कंधे पर 11 रन बचाने की जिम्मेदारी थी। मैथ्यूज ने 3 गेंदों में 6 रन बना भी लिए थे। लेकिन अगली ही गेंद जो लो फुलटॉस थी को सही से वह नहीं खेल पाए और सचिन को मिडविकेट पर कैच थमा बैठे। समीकरण अब 2 गेंद व 6 रन हो गया था। नेहरा जी ने दो बेहतरीन यॉर्कर फेंककर भारत को जीत दिला दी।