भारतीय टीम 10 रन से विजयी रही चैंपियंस ट्रॉफी 2002 के सेमीफाइनल मुकाबले में भारत का मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से था। सहवाग ने अपने ही अंदाज में पारी की शुरुआत की और 59 रन बनाकर आउट हुए। लेकिन उसके बाद 3 विकेट जल्दी गिर गये और भारतीय टीम दबाव में आ गयी। जिसके बाद राहुल द्रविड़ और युवराज सिंह ने 72 रन की साझेदारी निभाई। युवराज ने इस मैच में सबसे ज्यादा 62 रन बनाये और भारत ने 9 विकेट पर 261 रन बनाये थे। दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत अच्छी नहीं रही और ज़हीर खान ने ग्रेम स्मिथ को युवराज के हाथों कैच करवाकर आउट कर दिया। उसके बाद हर्शल गिब्स और जैक्स कालिस ने दूसरे विकेट के लिए 178 रन की साझेदारी की। गिब्स ने तेज तर्रार शतक बनाया, लेकिन वह श्रीलंकाई गर्मी से परेशान हो गये और उन्हें रिटायर्ड हर्ट होकर मैदान से वापस जाना पड़ा। इसके बावजूद भी दक्षिण अफ़्रीकी टीम सबकी फेवरिट थी और उसे 13 ओवर में 70 रन बनाने थे। जोंटी रोड्स का कैच युवराज ने फाइन लेग में पकड़ा और उसके बाद भज्जी ने बोएटा डिपेनार को आउट किया। जिससे प्रोटेस पर दबाव बढ़ गया। स्पिनरों को मिल रही मदद को देखते हुए कप्तान गांगुली ने गेंद सहवाग को थमा दिया, सहवाग पहली बार 42वां ओवर फेंक रहे थे। उन्होंने खतरनाक बाउचर को आउट करके मैच का रुख भारत की ओर मोड़ दिया। दबाव की वजह से बिग हिटर क्लूजनर और कालिस बड़े शॉट नहीं खेल पा रहे थे। अंतिम 12 गेंदों में प्रोटेस को जीत के लिए 25 रन बनाने थे। ज़हीर ने 6 गेंदों में मात्र एक चौका ही दिया, जबकि मैच का आखिरी ओवर सहवाग फेंकने के लिए आये। कालिस ने उनकी पहली गेंद पर छक्का लगाकर मैच को और दिलचस्प बना दिया। लेकिन अगली ही गेंद पर वह आउट भी हो गये। उसके बाद क्लूजनर एक चौका जड़ा लेकिन वह नाकाफी था। इस तरह भारत चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंच गया। लेखक- अजिंक्य धमधेरे, अनुवादक-जितेन्द्र तिवारी