एलिस्टेयर कुक ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से कप्तानी को अलविदा कहा, आइए एक नजर डालते हैं टेस्ट क्रिकेट कुक की कप्तानी के बेहतरीन पलों पर
एलिस्टेयर कुक ने साढ़े चार चाल तक इंग्लैंड टेस्ट टीम को कप्तान के तौर पर अपनी सेवाएं देने के बाद हाल ही में टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी छोड़ी, हांलाकि वो बतौर खिलाड़ी टेस्ट टीम में खेलते रहेंगे। कुक 2012 में टेस्ट टीम के कप्तान बने थे। उन्होंने 59 टेस्ट मैचों में इंग्लैंड की कप्तानी की जिसमें से इंग्लैंड को 24 में जीत मिली 22 में उसे हार का सामना करना पडा जबकि 13 मैच ड्रॉ रहे।
कुक ने हमेशा बतौर कप्तान टेस्ट टीम को फ्रंट से लीड किया है। बतौर कप्तान कुक के बल्ले से 4,844 रन निकले हैं। हालांकि टेस्ट कप्तानी की राह कुक के लिए आसान नहीं रही। 2014 में जब केविन पीटरसन को टीम से बाहर किया गया था और पीटरसन मामले पर जो पूरा विवाद हुआ था उसमें कुक का नाम घसीटा गया था। जिसके बाद कुक को काफी आलोचना का भी सामना करना पड़ा। उन्हें स्पाइनलेस लीडर बताया गया। टेस्ट के प्रदर्शन में गिरावट आई।
हालांकि इन सबसे हटकर कुक ने कई बार अपने प्रदर्शन और अपनी कप्तानी के दमपर इंग्लैंड को गौरवान्वित भी किया है। कुक की कप्तानी में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को ऐशज सीरीज में मात दी। भारत को टेस्ट सीरीज में उसके घर में हराया।
आइए कुक की कप्तानी के 5 सबसे यादगार लम्हों को एक बार फिर जीते हैं:
#1 भारत को उसके घर में दी पटखनी
भारतीय टीम ने अहमदाबाद में खेले गए पहले टेस्ट में इंग्लैंड को 9 विकेट से हराकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई। लेकिन इसके बाद मुंबई में खेले गए दूसरे टेस्ट में अंग्रेजों ने जबरदस्त वापसी की। मुंबई टेस्ट में मेहमान टीम की और से ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर ने शानदार गेंदबाजी कर इंग्लैंड को 10 विकेट से जीत दिलाई। इसके साथ ही इंग्लिश टीम ने सीरीज में 1-1 से बराबरी भी कर ली।
कोलकाता टेस्ट का नतीजा भी इंग्लिश टीम के हक में ही गया। इंग्लैंड के कप्तान कुक ने 176 और 122 और तीसरे टेस्ट में 190 रन की पारियां खेली। इसके साथ ही कुक ने लगातार तीसरे टेस्ट में तीसरा शतक भी जड़ा। इतना ही नहीं रही सही कसर इंग्लिश टीम के गेंदबाजों ने पूरी कर दी। जिनके आगे भारतीय बल्लेबाजों की कलई खुल गई। आखिर में इंग्लैंड को जीत के लिए 41 रनों की दरकार थी। इस मैच में भी इंग्लैंड ने आसन जीत दर्ज करते हुए सीरीज में 2-1 की बढ़त हासिल की।
नागपुर टेस्ट में इंग्लैंड की टीम ने 150 प्लस ओवरों तक बल्लेबाजी की। नतीजतन नागपुर टेस्ट ड्रॉ रहा। जिसके चलते इंग्लैंड ने 28 साल बाद भारत में टेस्ट सीरीज जीती।
इस टेस्ट सीरीज में कप्तान कुक ने 3 शतकों की मदद से 562 रन बनाए। वहीं केविन पीटरसन ने भी 186 रन की यादगार पारी खेली। इंग्लैंड की टीम ने अपने स्पिनर्स के दमपर मेहमान टीम को चारों खाने चित कर दिया।