2014 में भारत के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज एलिस्टेयर कुक के लिए करो या मरो वाली सीरीज थी क्योंकि कुक की कप्तानी में इंग्लैंड को श्रीलंका से हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा कुक की बल्लेबाजी भी सवालों के घेरे में थी।
नॉटिंघम में हुआ पहला टेस्ट ड्रॉ रहने के बाद लॉर्ड्स में भारत ने 95 रन की ऐतिहासिक जीत हासिल कर की। जिसके बाद कप्तान कुक की चिंताएं और ज्यादा बढ़ गई थी। इसके बाद साउथ हैम्पटन में हुए तीसरे टेस्ट में इंग्लिश टीम ने जबरदस्त वापसी करते हुए 266 रन की बड़ी जीत हासिल की। तीसरे टेस्ट की पहली पारी में कप्तान कुक ने 95 रन और दूसरी पारी में नाबाद 70 रन की पारी खेली। जबकि स्पिनर मोइन अली ने दूसरी पारी 6 विकेट हासिल किए।
इसके बाद चौथे टेस्ट में भी इंग्लैंड की टीम भारत पर पूरी तरह हावी रही। चौथे टेस्ट में भारत को पारी और 54 रन से हार का सामना करना पड़ा। इस टेस्ट की पारी में ब्रॉर्ड ने सिर्फ 25 रन देकर 6 विकेट चटाकाए। वहीं दूसरी पारी में मोइन अली ने 4 विकेट झटके थे। लिहाजा आखिरी मैच से पहले इंग्लैंड की टीम सीरीज में 2-1 की बढ़त हासिल कर चुकी थी।
ओवल में खेले गए आखिरी टेस्ट में भी इंग्लैंड की टीम ने अपना दबदबा बरकरार रखा। इंग्लैंड ने आखिरी टेस्ट पारी और 244 रन से जीता। इसके साथ ही इंग्लैंड ने सीरीज भी 3-1 से अपने नाम की। सीरीज जीत के साथ ही कुक ने अपनी कप्तानी पर उठ रहे सवालों के जवाब भी दिए और बल्ले से अच्छा प्रदर्शन कर बता दिया कि बतौर बल्लेबाज उनमें अभी भी दमखम बाकी है।