इंग्लैंड हमेशा से टेस्ट मैचों में प्रबल टीम रही है, जो खेल के लम्बे संस्करण में निरंतर अच्छा प्रदर्शन करती आई है। सभी टीमों के लिए उसे हराना बड़ी बात होती है। 2012 के भारतीय दौरे पर भी उसने मेजबान टीम को पटखनी दी थी लेकिन कुंबले के कार्यकाल में वे ऐसा करने में सफल नहीं हो पाए और मेहमान टीम को 4-0 से सीरीज गंवानी पड़ी। राजकोट में हुए पहले टेस्ट में इंग्लैंड के अच्छे प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम ने जबरदस्त वापसी करते हुए बचे हुए सभी मैचों को जीत कर सीरीज 4-0 से अपने नाम की। यह 1993 में अजरुद्दीन के कप्तानी में मिली 3-0 की हार से भी बड़ी थी।
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