भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने हाल ही में संन्यास का ऐलान कर दिया है। उन्होंने क्रिकेट के सभी फॉर्म्स से संन्यास ले लिया है और अब वो किसी भी प्रारूप में खेलते हुए नजर नहीं आएंगे।
2002 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू करने वाले 35 वर्षीय पार्थिव ने भारत के लिए 25 टेस्ट, 38 वनडे और दो टी20 अंतरराष्ट्रीय खेले। घरेलू क्रिकेट की अगर बात करें तो उन्होंने 194 प्रथम श्रेणी, 193 लिस्ट ए और 204 टी20 खेले थे।
भारत के लिए पार्थिव ने 25 टेस्ट में 6 अर्धशतक की मदद से 934 रन बनाये, वहीं वनडे में उन्होंने चार अर्धशतक की मदद से 736 और टी20 अंतरराष्ट्रीय में 36 रन बनाये। पार्थिव पटेल ने सिर्फ 17 साल और 153 दिन की उम्र में अपना डेब्यू किया था और ऐसा करने वाले सबसे युवा विकेटकीपर बने थे।
पार्थिव पटेल के इतने लंबे करियर में कई यादगार लम्हे भी आए। इस आर्टिकल में हम आपको उन्हीं 5 लम्हों के बारे में बताएंगे।
पार्थिव पटेल के करियर के 5 यादगार लम्हे
5.टेस्ट मैचों में सबसे कम उम्र में डेब्यू करने वाले विकेटकीपर
साल 2002 में ट्रेंट ब्रिज में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने मात्र 17 साल की उम्र में टेस्ट डेब्यू किया। इसके साथ ही वो टेस्ट इतिहास में सबसे कम उम्र में डेब्यू करने वाले युवा विकेटकीपर बन गए। इस मैच से पहले पार्थिव ने कोई भी प्रथम श्रेणी मैच नहीं खेला था और जब पहले ही पारी में वो बिना खाता खोले आउट हो गए तो उनके चयन पर सवाल उठने लगे। हालांकि उन्होंने दूसरी पारी में अपनी दमदार बल्लेबाजी से सबको गलत साबित कर दिया।
उस मैच में इंग्लैंड ने पहली पारी में 617 रनों का विशाल स्कोर बनाया, भारतीय बल्लेबाजों के सामने मैच बचाने की चुनौती थी। हालांकि द्रविड़, गांगुली और सचिन तेंदुलकर की बेहतरीन बल्लेबाजी की वजह से भारत ये मैच बचाने में कामयाब रहा. लेकिन उस मैच में पार्थिव के योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता। पार्थिव ने दूसरी पारी में संयम के साथ खेलते हुए 60 गेंदों पर 19 रन बनाए, जो कि मैच बचाने में काफी काम आया। 84 मिनट की उनकी पारी ने ना केवल इंग्लैंड की जीत की उम्मीदों को धूमिल कर दिया, बल्कि 1991-92 से पहली बार लगातार 4 टेस्ट मैच जीतने की इंग्लैंड की हसरतों पर पानी भी फेर दिया।
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