#4 सर विवियन रिचर्ड्स
सर विवियन रिचर्ड्स उस वेस्टइंडीज टीम में खेले, जब उस दौर में टीम का आधिपत्य हावी था लेकिन इस बल्लेबाज में खेल की भूख बाकी के खिलाड़ियों से सबसे अलग थी क्योंकि उन्होंने जिस तरह से खेल को अपनाया था वह बाकियों से उन्हें अलग करता था।
ऐसे समय में जब खिलाड़ी सही मौके का इंतजार करते थे उस समय रिचर्ड्स ने विरोधियों पर हमला किया। चाहे यह टेस्ट क्रिकेट हो या ओडीआई क्रिकेट और उन्होंने बहुत सफलता के साथ ऐसा किया। नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए रिचर्डसन ने 59 पारियों में 3508 रन बनाये 61.54 की औसत के साथ। जबकि वनडे की 51 पारियों में 57.57 की औसत से 2418 रन बनाये हैं।
चैंपियनों की टीम में रिचर्ड्स ही ऐसे खिलाड़ी थे जिससे सभी को डर लगता था और आने वाले क्रिकेटर उन्हें देखकर उनसे सीख लेते थे जब वह पुराने दिनों में खेल के पहलूओं को साझा करते थे।
निसंदेह रिचर्डन को टी-20 खेलते देखने सौभाग्य होता और एक ही अनुमान लगाया जा सकता है कि वह आधुनिक युग में खेले जाने वाले इस प्रारूप में कितने रन अपने नाम कर पाते।