#5 रिकी पोटिंग
पोटिंग एक ऐसा व्यक्ति है जो मैदान पर अपने स्वभाव के कारण सारी राय को तोड़ देता है लेकिन उनके आलोचक भी बैठ कर उस दौर की प्रशंसा करते है जिसमें पोटिंग ने अपने करियर में राज किया था।
स्टीव वॉ के कद के बाराबर सफल होना कभी किसी के लिए आसान काम नहीं था लेकिन पोंटिंग ने सिर्फ एक कप्तान के रूप में बल्कि टीम के नम्बर 3 के बल्लेबाज भी के रूप में भी उस दायित्व को पूरा किया।
उनके कंधे पर ज़िम्मेदारी बहुत बड़ी थी लेकिन पोंटिंग ने उन अपेक्षाओं का सामना नहीं किया बल्कि उससे बढ़कर बल्लेबाजी आंकड़ों में सुधार ही किया।
2003 के विश्व कप के फाइनल से बेहतर कोई उदाहरण नहीं दिया जा सकता है जब अपने कप्तान के तौर पर अपने पहले विश्व कप को जीतने के लिए उन्होंने ना सिर्फ भारत को आउट कर दिया बल्कि कप्तानी पारी खेलते हुए सिर्फ 121 बॉल में 140 की बेहतरीन पारी खेल डाली।
नंबर 3 के स्थान पर बल्लेबाजी करते हुए 330 पारियों में 12662 रनों की एक विशाल अंतर से ओडीआई क्रिकेट में बढ़त बनाए हुए हैं। वह टेस्ट क्रिकेट में नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए 10000 रनों के मील का पत्थर हासिल करने से सिर्फ 66 रन पीछे रह गये।
वह एक सच्चे लीडर थे, जिसने विपक्ष को विफल करने के अपने प्रयास में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं है कि खेल के सभी स्वरूपों में उनकी बल्लेबाजी में एक क्लास नजर आती थी।
लेखक- प्रांजल मेच
अनुवादक- सौम्या तिवारी