हेलमेट के बिना वेस्टइंडीज के सबसे तेज और सबसे खतरनाक गेंदबाजों का सामना करना ही एक उपलब्धि थी और गावस्कर न केवल बच गए थे लेकिन इस तरह के हालात में भी उन गेंदबाजों पर भारी भी पड़े। गावस्कर बल्लेबाज़ी के साथ ही एकाग्रता और स्थिरता का प्रतीक था। उन्होंने हमेशा एक छोर थामे रखा, उनके चारों ओर क्या हो रहा इसके बारे में उन्हें पता नहीं रहता था और टिक जाने के बाद अपने शक्तिशाली स्ट्रोक की झड़ी लगा देते थे। उनकी स्थिरता और निरंतरता बेमिसाल थी और दुनिया के सबसे धारदार और घातक गेंदबाजों के सामने वो बरसे।
उस दौर में वेस्ट इंडीज के खिलाफ 65.45 की टेस्ट औसत और घर से बाहर 70.20 की औसत न सिर्फ आश्चर्यजनक है, बल्कि उनके कौशल भी बताती है।
उनका समग्र टेस्ट औसत 51.12 था और टेस्ट मैचों के क्रिकेट में उन्होंने 10,000 रन बनाने वाले पहले व्यक्ति भी थे।
लेखक: दीप्तेश सेन
अनुवादक : राहुल पांडे