न्यूज़ीलैंड एक ऐसी टीम है जिसने हमेशा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी क़ाबिलियत से बेहतर प्रदर्शन किया है। यही वजह है कि कीवी टीम दुनिया के चाहने वाले पूरी दुनिया में मौजूद हैं। इस टीम ने दुनिया को कुछ बेहतरीन बल्लेबाज़ दिए हैं जो क्रिकेट इतिहास के महानतम खिलाड़ी बने हैं। इनमें से कई बल्लेबाज़ ऐसे हैं जो स्पिन गेंद को बेहतरीन ढंग से खेलने के लिए जाने जाते हैं। ये बात ध्यान देने वाली है कि न्यूज़ीलैंड के घरेलू सर्किट में सीम गेंदबाज़ों की भरमार है, ऐसे में स्पिन गेंदबाज़ों को बेहतर ढंग से खेल पाना अपने आप में एक बड़ी बात है। इनमें से कई बल्लेबाज़ों ने मुश्किल हालात में भी दुनिया के बेहतरीन स्पिन गेंदबाज़ों के छक्के छुड़ाए हैं। यहां हम न्यूज़ीलैंड के उन सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ों के बारे में चर्चा करेंगे जिन्हें स्पिन गेंद को खेलने में महारत हासिल है।
#5 रॉस टेलर
रॉस टेलर कीवी टीम के कप्तान रह चुके हैं। पिछले एक दशक में वो न्यूज़ीलैंड के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ों में से एक हैं। वो अपनी टीम के लिए सबसे अहम खिलाड़ी और बल्लेबाज़ हैं। दाएं हाथ के इस क्रिकेटर को ग़ैरपारंपरिक तरीके से बल्लेबाज़ी करने का हुनर है। वो दुनिया के टॉप स्पिन गेंदबाज़ों को भी अपनी शानदार बल्लेबाज़ी से पस्त कर देते हैं। वो बल्लेबाज़ी के दौरान पैरों का इस्तेमाल ग़ज़ब ढंग से करते हैं। वो स्वीप और स्लो स्वीप शॉट लगाने में माहिर हैं। रॉस टेलर जिस तरह से गेंद को हिट करते हैं उससे स्पिनर्स की लय बिगड़ जाती है। वो शॉर्ट गेंद को कट लगाने के उस्ताद माने जाते हैं। हांलाकि साल 2016 के भारत दौरे में वो स्पिन गेंदबाज़ों को सही ढंग से नहीं खेल पाए थे, लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप के दूसरे देशों में टेलर का प्रदर्शन अच्छा रहा है। श्रीलंका में उन्होंने कुल 16 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उनका कुल औसत 34.25 है । साल 2012-13 के श्रीलंका दौरे में खेले गए 2 टेस्ट मैचों में उन्होंने 60.25 की औसत से 243 रन बनाए थे।
#4 ब्रेंडन मैकुलम
ब्रेंडन मैकुलम ने एक विकेटकीपर के तौर पर अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। धीरे-धीरे वो कीवी टीम के एक मज़बूत मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ बन गए थे। अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के आख़िर में वो दुनिया के महानतम बल्लेबाज़ों में शामिल हो चुके थे। मध्य क्रम में बल्लेबाज़ी करते हुए वो स्पिन गेंदबाज़ों को बेहतर ढंग से खेलना सीख गए थे। उन्होने 101 टेस्ट मैच में बल्लेबाज़ी की है। मैक्कुलम ने ये साबित किया है कि वो न्यूज़ीलैंड टीम की शान थे। वो अपने पैरों का इस्तेमाल करते हुए स्पिन गेंद पर जबरदस्त प्रहार करते थे जिससे गेंदबाज़ भौचक्के रह जाते थे। उनके कट लगाने, स्वीप करने और कवर ड्राइव लगाने का हुनर लाजवाब था। हर तरह की स्पिन गेंद के लिए उनके पास अलग-अलग ढंग के हथियार मौजूद रहते थे। जब स्पिनर्स का सामना करने की बात आती थी तब उनका रिकॉर्ड उनके पक्ष में बयान देता था। स्पिन गेंदबाज़ों के खिलाफ़ उन्होंने 7 दौरों के 15 टेस्ट मैचों में 39.27 की औसत से रन बनाए थे। जब साल 2010-11 में वो भारत के दौरे पर आए थे तब ये उनकी सबसे बेहतरीन सीरीज़ साबित हुई थी। 3 टेस्ट मैचों में मैक्कुलम ने शानदार 370 रन बनाए थे। इस दौरान उनका औसत 74 और स्ट्राइक रेट 62.92 का था।
#3 ब्रेट सकलिफ़
ब्रेट सकलिफ़ न्यूज़ीलैंड के शुरुआती महान बल्लेबाज़ों में से एक हैं। वो न्यूज़ीलैंड क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाज़ों की लिस्ट में शामिल हैं। उनका करियर बेहद लंबा चला था। उन्होंने साल 1947 से लेकर 1965 तक अपने देश के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला है। 18 साल के लंबे करियर में उन्होंने 47 टेस्ट मैच खेले हैं। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ के पास रक्षात्मक तकनीक थी और साथ ही साथ वो आक्रामक खेल भी दिखाने में माहिर थे। वो स्पिन गेंद को भी शानदार ढंग से खेलना जानते थे। भारत-पाकिस्तान के 4 दौरे के 15 टेस्ट मैच में उन्होंने 44.65 की औसत से रन बनाए थे। हांलाकि उनके बारे में कहा जाता है उनका ओसत और भी अच्छा हो सकता था अगर वो पाकिस्तान के दौरे पर थोड़ा और अच्छा खेल दिखाते। साल 1955-56 के भारत दौरे में उन्होंने 5 टेस्ट मैच में 87.28 की औसत से 611 रन बनाए थे। इसमें 2 शतक शामिल थे, इस दौरान उनका सर्वाधिक स्कोर 230* था।
#2 जॉन रीड
जॉन रीड ने ज्यादातर क्रिकेटर ब्रेट सकलिफ़ के दौर में ही खेला था। वो 1950 और 1960 के दशक में न्यूज़ीलैंड टीम के अहम बल्लेबाज़ थे। वो अपने ज़बरदस्ट शॉट से गेंदबाज़ों का कचूमर निकाल देते थे। उनके बारे में ये कहा जाता है कि अगर उस दौर में वनडे मैच की शुरुआत होती तो वो 50 ओवर के फ़ॉर्मेट के बेहतरीन खिलाड़ी होते। दाएं हाथ के ये बल्लेबाज़ आक्रामक बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते थे। उन्हें ये अच्छी तरह पता था कि स्पिन गेंद को किस तरह खेला जाता है। उनकी तकनीक बेहद सटीक थी। ब्रेट सकलिफ़ से उलट जॉन रीड ने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने भारत और पाकिस्तान में कुल 4 दौरे किए हैं जिसमें उन्होनें दोनों देशों के मैदान में शतक लगाया है। भारत और पाकिस्तान में खेले गए 15 टेस्ट मैचों में उन्होंने 44.80 की औसत से रन बनाए हैं, जिनमें 3 शतक और 6 अर्धशतक लगाए हैं। साल 1964-65 में उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप का आख़िरी दौरा किया था. 3 टेस्ट मैच में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ उन्होंने 59.20 की औसत से 296 रन बनाए थे। इस बात में कोई शक नहीं है कि वो न्यूज़ीलैंड टीम के लिए धरोहर से कम नहीं थे।
#1 स्टीफ़न फ़्लेमिंग
न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान स्टीफ़न फ़्लेमिंग अपनी टीम के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक रहे हैं। इसके अलावा लगातार 14 साल (1994-2008) तक वो टीम के अहम बल्लेबाज़ भी थे। वैसा खिलाड़ी न्यूज़ीलैंड टीम को दोबारा मिल पाना बेहद मुश्किल है। वो किसी भी गेंद को शानदार तरीके से खेलना जानते थे। वो अपने पैरों का इस्तेमाल कट और स्वीप लगाने में करते थे। भारतीय उपमहाद्वीप में 8 दौरों में 18 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश शामिल है। टेस्ट मैच में उनके करियर का सर्वाधिक स्कोर 274* रहा है, जो उन्होंने साल 2003 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ बनाया था। ये उनके अंतरराष्ट्रीय करियर की सबसे बेहतरीन पारी थी जो उन्होंने ज़्यादातर स्पिन गेंदबाज़ों के खिलाफ़ खेल कर बनाई थी। लेखक- सोहम समद्दर अनुवादक – शारिक़ुल होदा