रिकी पॉन्टिंग (156 बनाम इंग्लैंड)
बड़े खिलाड़ी उस समय खड़े होते हैं जब टीम को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है। जब कोई अन्य खिलाड़ी खेल भी नहीं पाता उस मौके पर यह खिलाड़ी टीम की नैया पार लगता है।
2005 एशेज सीरीज के मैनचेस्टर में हुए टेस्ट मैच में रिकी पॉन्टिंग ने एशेज इतिहास की सबसे बेहतरीन पारियों में से एक खेली।
मेहमान टीम को अंतिम दिन मैच बचने के लिए बल्लेबाजी करते हुए पूरा दिन निकालना था। इंग्लैंड टीम जीत के सपने देख रही थी लेकिन उनके और जीत के बीच ऑस्ट्रेलिया के कप्तान आ गए।
पंटर पिच पर टिके रहे और उन्होंने इंग्लैंड के प्रत्येक गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसा दिया। एश्ले जाइल्स, स्टीव हर्मिसन,मैथ्यू होगार्ड, साइमन जोंस औरएंड्र्यू फ्लिंटॉफ के गेंदबाजी आक्रमण को उन्होंने तहस नहस कर दिया।
पॉन्टिंग 156 के निजी स्कोर पर पवेलियन लौट गए और मैच में अभी 4 ओवर बाकी थे लेकिन 11वें क्रम के ग्लेन मैक्ग्रा ने पॉन्टिंग की कोशिश को जाया नहीं होने दिया और ऑस्ट्रेलिया ने मैच बचा लिया।