सचिन तेंदुलकर (103* बनाम इंग्लैंड)
भारतीय क्रिकेट प्रशंसक सचिन तेंदुलकर की पूजा करते हैं और हमेशा उनसे उम्मीद करते हैं कि उनका यह महान बल्लेबाज जरूरत के समय टीम के लिए खड़ा रहे। यह एक ऐसा ही मौका था जब इस बल्लेबाज ने सभी खेल प्रेमियों को झूमने का मौका दिया।
मुम्बई में नवंबर 2008 में हुए आतंकी हमले से पूरा देश सदमे में था और इसी हमले की वजह से इंग्लैंड की टीम भारत का दौरा बीच मे छोड़ वापस लौट गई थी। लेकिन, दिसंबर में फिर इंग्लैंड की टीम वापस आयी और चेन्नई में हुए टेस्ट मैच में उसने भारत के सामने जीत के लिए 387 रनों का लक्ष्य रखा।
वीरेंदर सहवाग ने बेखौफ बल्लेबाजी करते हुए 68 गेंदों पर 83 इन बनाकर भारतीय पारी की अच्छी नींव रखी और मेजबान टीम को लगने लगा कि वह मैच में कुछ अनहोनी कर सकते हैं।
सचिन के घरेलू शहर के आंसू रुके भी नहीं थे कि पूरे देश के उम्मीदों का बोझ उठाये पिच पर एक नई उम्मीद के साथ वह उतर चुके थे। उन्होंने शुरुआती आक्रमण को झेला और फिर फ्री होकर खेलने लगे।
ग्रीम स्वान गेंद को टर्न करा रहे थे, एंड्रू फ्लिंटॉफ रिवर्स स्विंग करा रहे थे लेकिन मास्टर ब्लास्टर ने सभी का डट कर सामना किया और कोई भी उन्हें डिगा नहीं पाया।
317 मिनट की बल्लेबाजी और 196 गेंदों का सामना कर सचिन तेंदुलकर ने अपना शतक पूरा किया और टीम इंडिया को जीत दिलाई, इस जीत को सचिन ने मुंबई के लोगों को समर्पित किया था।