यह वाकई में बेहतरीन मैच था। 2003 में विश्वकप के दौरान हुए डरबन के मैदान पर पूल A का यह मैच एक यादगार मैच है। भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला किया। महान सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के हॉफ सेन्चुरी के बदौलत एक समय टीम इंडिया ने 37वें ओवर तक 217 रन बना लिए थे। लेकिन उसके बाद भारतीय पारी अचानक से लड़खड़ा गयी और 50 ओवर में 9 विकेट खोकर 250 रन पर ही सिमट गयी। जवाब में उतरी इंग्लैंड की टीम की शुरूआत (28/2) ख़राब रही। जहीर ख़ान और जवागल श्रीनाथ ने इंग्लैंड टीम के शुरूआती विकेट अपने नाम किए, उसके बाद नेहरा ने अपनी गेंदबाज़ी से घातक रूख़ अख़्तियार किया। टखने में दर्द के बावजूद नेहरा की यह घातक गेंदबाज़ी किसी भी गेंदबाज़ के लिए एक मिसाल है। नेहरा ने सबसे पहले माइकल वॉन को विकेट के पीछे खड़े द्रविड़ के हाथों कैच करावाया, यही नहीं उसी तरह एक बार फिर नेहरा ने विपक्षी टीम के कप्तान नासीर हुसैन को भी पवेलियन भेजा। नेहरा ने स्टीवर्ट, पॉल कॉलिंगवुड, क्रेग व्हाइट और रॉनी इरानी को भी अपना शिकार बनाया। नेहरा की इस घातक पारी ने इंडिया को विश्वकप के सुपर सिक्स पहुंचा दिया। कई लोगों की नज़र में यह मैच बेहतरीन एकदिवसीय मैचों में से एक है।