2008 में हुई बॉर्डर - गावस्कर ट्रॉफी भारत के लिए कई मायनों में अहम है। जिसका सबसे अहम कारण था ओपनिंग बल्लेबाज गौतम गंभीर जिस तरह से पूरी सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर हावी रहे। इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 3 टेस्ट में धूएंधार बल्लेबाजी करते हुए अद्भुत 77.16 की औसत से 463 रन बनाए जिसमें दो शतक भी उनके नाम दर्ज हुए। इस सीरीज में गौतम गंभीर ने अपने करियर की पहली और इकलौती डबल सेंचुरी जड़ी। उन्होंने दिल्ली में खेले गए सीरीज का तीसरे टेस्ट में ये कारनामा किया था। एक समय ऐसा था, जब भारत संघर्ष करता नजर आ रहा था और टीम इंडिया 27 रन पर अपने दो विकेट गवां चुकाी थाी, लेकिन गंभीर ने अपना टेम्परामेंट का परिचय देते हुए सचिन तेंदुलकर और फिर वीवीएस लक्ष्मण के साथ अच्छी साझेदारी की और भारत को मजबूत स्थिति में लेकर आए। 380 गेंदों का सामनाा कर 206 रन बनाने के बाद जिस वक्त गंभीर आउट हुए, तब भारत ड्राईविंग सीट पर आ चुका था और स्कोर 435 रन पर 4 विकेट था। हालांकि ये मैच ड्रॉ रहा लेकिन गौतम गंभीर को हर ओर से अपनी इस शानदार पारी के लिए बधाई मिल रही थी।