सही से अगर देखा जाए तो फारुख इंजीनियर भारतीय क्रिकेट के पहले पोस्टर बॉय हैं। वह एक बेहतरीन बल्लेबाज होने के अलावा बहुत अच्छे विकेटकीपर भी थे। स्टंप के पीछे उनकी चपलता जितनी थी, उतने ही चपल वह विकेटों के आगे भी थे। उनके दौर में बेदी, प्रसन्ना, चंद्रशेखर व वेंकटराघवन जैसे स्पिन गेंदबाज थे। भारत ने विदेश में जब अपनी पहली सीरीज जीती थी, तो उसमें फारूख इंजीनियर की भूमिका सबसे अहम थी। संन्यास के बाद फारूख इंजीनियर ने कांउटी क्रिकेट में लंकाशायर की तरफ से खेला था। इंजीनियर ने अपने करियर में 46 टेस्ट में 82 शिकार किए थे। जिसमें 66 कैच व 16 स्टंपिंग शामिल है।
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