सैय्यद किरमानी को लोग उनके दौर में किरी के नाम से जानते थे। किरमानी को फारूख इंजीनियर के डिप्टी कर तौर पर टीम में शामिल किया गया था। न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 1976 में उन्होंने अपना टेस्ट डेब्यू किया था। अपने दूसरे ही टेस्ट मैच में किरमानी ने एक पारी में 6 कैच पकड़कर नया रिकॉर्ड स्थापित किया था। किरमानी ने विकेटों के पीछे और आगे जिस तरह से प्रदर्शन किया था। उस हिसाब से वह फारुख इंजीनियर के आदर्श रिप्लेसमेंट थे। पाकिस्तान के खिलाफ 1979-80 के सीरीज में उन्होंने 19 शिकार करके नरेन तम्हाने के रिकॉर्ड की बराबरी की थी। 1983 के विश्वकप में उन्हें सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर चुना गया था। पैरों में चोट लगने की वजह से किरमानी का करियर लम्बे समय तक नहीं चल पाया था। जिसकी वजह से उन्हें 1986 में संन्यास लेना पड़ा था। उन्होंने भारत के लिए 88टेस्ट व 49 वनडे मुकाबले खेले थे। अपने 10 वर्ष के क्रिकेट करियर में किरमानी ने 234 शिकार किए थे।