इस बात में कोई शक नहीं कि महेंद्र सिंह धोनी टीम इंडिया के अब तक सबसे बेहतरीन कप्तान रहे हैं। रांची जैसे छोटे शहर से इतने बड़े मुकाम पर पहुंचना आसान नहीं था। उन्होंने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया के फ़ैंस को ख़ुश होने के कई यादगार मौक़े दिए हैं। जीत हासिल करना एक बात होती है, और अपना और अपनी टीम का रुतबा बरक़रार रखना एकदम अलग होता है। धोनी सिर्फ़ मैदान में ही नहीं स्टेडियम के बाहर भी एक कप्तान की भूमिका निभाते थे। उन्होंने 199 वनडे मैच में टीम इंडिया की कप्तानी की है और 110 मैच में जीत हासिल की है। वनडे में उनकी जीत का प्रतिशत 55.28 है। हम यहां धोनी की कप्तानी में वनडे की 5 सबसे शानदार जीत के बारे में चर्चा कर रहे हैं
#5 भारत बनाम श्रीलंका – एशिया कप फ़ाइनल 2010
साल 2010 में टीम इंडिया एशिया कप टूर्नामेंट खेलने श्रीलंका के दौरे पर गई थी। फ़ाइनल भारत और श्रीलंका के बीच दांबुला में खेला जा रहा था। भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 50 ओवर में 6 विकेट खोकर 268 रन बनाए थे। इसके बाद भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों ने क़हर बरपाना शुरु किया और श्रीलंका के 5 बल्लेबाज़ महज़ 51 रन पर पवेलियन वापस लौट गए। मेज़बान टीम की तरफ़ से सिर्फ़ चामारा कापुगेदारा ही कुछ जद्दोजहद कर पाए और अर्ध शतक लगाया। टीम इंडिया ने ये मैच 81 रन से जीत लिया और एशिया कप पर कब्ज़ा जमाया।
#4 भारत बनाम दक्षिण अफ़्रीका – जोहान्सबर्ग – साल 2010
इस मैच में टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 50 ओवर में 190 रन ही बनाए थे। दक्षिण अफ़्रीका के लिए लक्ष्य काफ़ी आसान लग रहा था और मेज़बान टीम ने 4 विकेट खोकर 152 रन भी बना लिए थे। इसके बाद मैच में नाटकीय ढंग से बदलाव आने शुरू हो गए। मुनाफ़ पटेल ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए प्रोटियास टीम के 4 बल्लेबाज़ों को आउट किया और टीम इंडिया ने ये मैच 1 रन से जीत गई। भारत की पारी के बाद किसी को ये अंदाज़ा नहीं था कि टीम इंडिया ये मैच जीत सकती है। लेकिन धोनी की कप्तानी में नामुमकिन काम को भी मुमकिन कर दिखाया।
#3 भारत बनाम इंग्लैंड – चैंपियंस ट्रॉफ़ी फ़ाइनल – साल 2013
ये मैच इंग्लैंड के बर्मिंघम में खेला गया था, चैंपियंस ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में मेज़बान इंग्लैंड और टीम इंडिया आमने सामने थी। इस मैच को जीतने के लिए दोनों टीमों ने जी जान लगा दी थी। इस मैच में बारिश का काफ़ी दख़ल रहा। आईसीसी ने इस मैच को छोटा करते हुए इसे 20 ओवर का कर दिया। भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 20 ओवर में महज़ 129 रन ही बना पाया। इस मैच में विराट कोहली ने 43 रन की पारी खेली थी। इंग्लैंड के लिए ये मैच जीतना इतना मुश्किल नहीं लग रहा था, लेकिन धोनी हार मानने वालों में से नहीं थे। उन्होंने गेंदबाज़ी के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली थी। उन्होंने इशांत शर्मा पर भरोसा किया और इस गेंदबाज़ ने इंग्लैंड के रवि बोपारा और इयॉन मॉर्गन को आउट किया। इसके बाद बचा कुचा काम स्पिनर्स ने कर दिया और भारत को चैंपियंस ट्रॉफ़ी दिला दी। रविंद्र जडेजा को मैन ऑफ़ द मैच के अवॉर्ड से नवाज़ा गया।
#2 भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया – सीबी सीरीज़ फ़ाइनल – साल 2008
साल 2008 में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के वर्चस्व को तोड़ते हुए सिडनी और ब्रिसबेन में दोनों फ़ाइनल की जीतकर सीबी सीरीज़ पर कब्ज़ा जमाया था। ब्रिसबेन के गाबा मैदान में खेलते हुए भारत ने 259 रन का स्कोर बना था जिसमें सचिन ने 91 रन की पारी खेली थी। जबाब में मैथ्यू हेडन और एंड्रयू साइमंड्स ने साझेदारी करते हुए कंगारू टीम को मज़बूती दी। इन दोनों बल्लेबाज़ के आउट होते ही मैच का रुख़ पलट गया और टीम इंडिया ने 9 रन से जीत हासिल की।
#1 भारत बनाम श्रीलंका – वर्ल्ड कप फ़ाइनल – मुंबई - साल 2011
वानखेड़े में खेला गया ये फ़ाइनल मैच भारतीय फ़ैस के लिए सबसे यादगार पलों में से एक है। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए श्रीलंका ने 274 रन बनाए, जिसमें महेला जयवर्धने का शतक शामिल था। जवाब में भारत ने सचिन और सहवाग का विकेट जल्दी गंवा दिया था। इसके बाद गंभीर ने पारी को संभाला और 97 रन बनाए। आख़िर में धोनी ने युवराज के साथ मिलकर टीम इंडिया को शानदार जीत दिलाई थी। धोनी ने इस मैच में 91 रन बनाए थे और छक्का लगाकर टीम इंडिया को वर्ल्ड कप दिलाया था। धोनी ने भले ही टीम इंडिया को कई मैच जिताए हैं, लेकिन मुंबई में हासिल की गई ये जीत हमेशा याद की जाएगी। लेखक – तान्या रुद्र अनुवादक- शारिक़ुल होदा