क्रिकेट इतिहास की अब तक की 5 बेहतरीन महिला क्रिकेटर

महिला क्रिकेट दर्शकों के लिए कभी भी रोमांचक नहीं रहा था लेकिन पिछले कुछ सालों में यह धारणा पूरी तरह से बदल गई है क्योंकि महिला खेल में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। अब महिला खिलाड़ी काफी मजबूती से उभर कर आई हैं और खेल में किसी भी पुरुष की तरह गेंद को शानदार तरीके से हिट करने की क्षमता रखती हैं। फील्डिंग के मानकों को अनदेखा न करते हुए महिला क्रिकेट में जल्दी रन बनाने की क्षमता से खेल देखने लायक बन रहा है। इसका अंदाजा पिछले महिला विश्व कप से ही लगाया जा सकता है जब हरमनप्रीत कौर ने सिर्फ 115 गेंदों का सामना करते हुए विस्फोटक बल्लेबाजी की थी और नाबाद 171 रनों की पारी को अंजाम दिया था। महिला बिग बैश लीग की शुरुआत ने भी निश्चित रूप से महिला क्रिकेटर्स के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि पुरुष क्रिकेट की तरह महिला क्रिकेट में भी कई खिलाड़ियों ने अपने खेल से खुद की अलग ही पहचान कायम की है। आइए यहां ऑल टाइम 5 सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर्स पर डालते हैं एक नजर।

#5 स्टेफ़नी टेलर

स्टेफनी टेलर एक ऐसी खिलाड़ी हैं जो गेंद और बल्ले दोनों से कमाल दिखाने में माहिर हैं। वेस्टइंडीज महिला क्रिकेट टीम की वर्तमान कप्तान स्टेफनी टेलर आईसीसी की बल्लेबाजी और गेंदबाजी रैंकिंग में एक ही समय में शीर्ष स्थान हासिल किया था, ऐसा करने वाली वह एकमात्र और पहली क्रिकेटर हैं। टेलर वेस्टइंडीज की दिग्गज खिलाड़ियों में से एक हैं। स्टेफनी टेलर पारी की शुरुआत में ही अपने आक्रामक स्ट्रोक खेलने के लिए जानी जाती हैं। वहीं अपनी स्मार्ट ऑफ-ब्रेक गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजों को चकमा देने के लिए भी उनकी ख़ूब सराहना होती है। स्टेफनी टेलर की रनों के मामले में भूख काफी ज्यादा है। टेलर सबसे कम उम्र की महिला बल्लेबाज भी है जिन्होंने वनडे में 1000 रन पूरे किए हैं। बल्ले और गेंद दोनों के साथ शानदार खेल के चलते टेलर टीम में काफी सहज ऑलराउंडर की भूमिका भी अदा करती हैं।

#4 झूलन गोस्वामी

1997 में ऑस्ट्रेलिया के विश्व कप जीतने के बाद से बेलिंडा क्लार्क को देखकर झूलन गोस्वामी ने खेलने की प्रेरणा हासिल की। उनसे प्रेरित होकर झूलन गोस्वामी ने एक लंबा सफर तय किया है। झूलन गोस्वामी पिछले कई सालों से महिला क्रिकेट में गेंदबाजी की कमान संभाली हुई हैं। अपनी शानदार गेंदबाजी के दम पर झूलन गोस्वामी विरोधी बल्लेबाजों के मन में खौफ बनी हुई है। वहीं झूलन गोस्वामी एकदिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज भी हैं। टेस्ट मैचों में झूलन गोस्वामी की गेंदबाजी औसत 16 की है और खेल के छोटे प्रारूप में उनकी गेंदबाजी औसत 20 से थोड़ी ज्यादा है। ये औसत उनकी प्रतिभा और क्षमता को जाहिर करने के लिए काफी हैं। इसके अलावा, गोस्वामी एक निचले मध्यस्थ बल्लेबाज के तौर पर बल्ले से कमाल दिखाने में भी माहिर हैं और जरूरत पड़ने पर वो टीम के लिए रन स्कोर भी करती आईं हैं।

#3 बेलिंडा क्लार्क

ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेट में बेलिंडा क्लार्क सर्वाधिक रन स्कोरर हैं। साल 1991 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने के 6 साल बाद 1997 में बेलिंडा क्लार्क दोहरे शतक लगाने वाली पहली क्रिकेटर बन गईं। डेनमार्क के खिलाफ विश्वकप के खेल गए मुकाबले में उन्होंने 155 गेंदों का सामना करते हुए 229 रनों की बेहतरीन पारी को अंजाम दिया। बेलिंडा क्लार्क मैदान पर आक्रामक स्ट्रोक लगाने के लिए जानी जाती हैं। साथ ही उनकी स्ट्राइक रोटेट करनी की क्षमता भी शानदार है। बेलिंडा क्लार्क ने ऑस्ट्रेलियाई टीम का 11 सालों तक नेतृत्व किया और दो बार विश्व कप फाइनल में टीम को जगह दिलाई। साल 2001 में विश्व कप फाइनल में हारने के बाद क्लार्क ने 2005 में भी विश्व कप में टीम की कमान संभाली और टीम को इस बार विश्व कप का खिताब जीता कर ही मानीं। क्रिकेट के दोनों प्रारूपों में उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की और अपने करियर में उन्होंने 45+ की औसत के साथ बल्लेबाजी करते हुए रन बटोरे।

#2 मिताली राज

भारतीय महिला क्रिकेट टीम का चेहरा मिताली राज सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर्स में से एक हैं। मिताली राज अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के दम पर विरोधी गेंदबाजों को पस्त करने में कामयाब साबित होती हैं। मिताली राज तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने साल 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ 214 रनों की शानदार पारी खेली थी। मिताली राज अक्सर क्रीज पर टिक कर खेलती हैं और परिस्थितियों के अनुकूल खेल को ढालने की अपार क्षमता रखती हैं। मिताली राज ने भारतीय क्रिकेट टीम का नेतृत्व करते हुए साल 2005 और साल 2017 में विश्व कप के फाइनल तक टीम को पहुंचा दिया, लेकिन दुर्भाग्यवश दोनों ही बार वो टीम को खिलाब नहीं जीता पाईं। दोनों बार के फाइनल मुकाबले में टीम को क्रमश: ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से हार का सामना करना पड़ा। मिताली राज मैदान पर शांत स्वभाव के लिए जानी जाती हैं। मिताली ने भारत को लगातार चार एशिया कप खिताब भी जिताए हैं। मिताली के इन प्रदर्शनों के चलते भारत में महिला क्रिकेट के उदय को बल भी मिला।

#1 शार्लोट एडवर्ड्स

कुछ साल पहले की इंग्लैंड महिला टीम के खेल पर नजर दौड़ाई जाए तो जहन में जो पहला नाम आएगा वो होगा शार्लोट एडवर्ड्स का, इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान एडवर्ड्स महिला क्रिकेट में महान खिलाड़ी के तौर पर पहचानी जाती हैं। अपने 20 साल के लंबे क्रिकेट करियर में एडवर्ड्स ने करीब एक दशक तक इंग्लैंड टीम की कप्तानी की और टीम का नेतृत्व करते हुए उन्होंने टीम को आगे ले जाने की कोई कसर नहीं छोड़ी। विश्व कप जीतने से लेकर तीन बार एशेज़ (2008, 2013, 2014) जीतने तक उन्होंने अपनी कप्तानी में सब कुछ हासिल किया। 16 साल की उम्र में डेब्यू करने वाली शार्लोट एडवर्ड्स तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने साल 1997 में अपनी शानदार बल्लेबाजी का परिचय दिया और 12 शतक लगा डाले। उनकी महानता का परिचय इससे भी लगाया जा सकता है कि एडवर्ड्स ने महिला-पुरुष क्रिकेट के लिहाज से सबसे तेज 2500 रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। उन्होंने टेस्ट में 44 की औसत और एकदिवसीय क्रिकेट में 38 की बल्लेबाजी औसत पर अपनी करियर का अंत किया। लेखक: मनोज शर्मा अनुवादक: हिमांशु कोठारी