दुनिया भर में गेंद और बल्ले से खेले जाने वाले खेल क्रिकेट में विभिन्न देशों की टीमें सम्मान और गौरव की लड़ाई के लिए मैदान पर उतरती हैं। जबकि प्रत्येक टीम के सर्वश्रेष्ठ 11 खिलाड़ी मैदान पर अपनी टीम को विजयी बनाने के लिए उतरते हैं। इस खेल में मैदान की आकृति और क्षमता दोनों अलग-अलग हो सकती हैं। लेकिन उच्च क्वालिटी की लकड़ी से बनने वाले बल्ले के आकार और निर्माण को लेकर यह खेल कई बार विवादों में भी रह चुका है।
मौजूदा समय की बात करें तो बल्ले की डिजाइन और आकार को लेकर इंटरनेशनल क्रिकट काउंसिल (ICC) ने इसे लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। लेकिन हमेशा कुछ ना कुछ खामियां रही जाती हैं और इस लेख में हम उन पांच मौकों की बात करेंगे जब बल्लों को लेकर विवाद खड़ा हो गया। यही नहीं बल्ले के इस्तेमाल को लेकर हुआ विवाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा इंडियन प्रीमियर लीग तक भी पहुंचा था।
ये हैं वो पांच बड़े विवाद:-
#5 क्रिस गेल - रंगीन बल्ले को लेकर विवाद
दुनिया के मशहूर क्रिकेटर और यूनिवर्सल बॉस के नाम से मशहूर तूफानी बल्लेबाज क्रिस गेल और विवाद का पुराना नाता है। साल 2015 बिग बैश टूर्नामेंट में गेल रंगीन बल्ले के इस्तेमाल को लेकर विवाद का शिकार बने थे। दरअसल इस लीग में रंगीन बल्ले का इस्तेमाल करना वर्जित था जिसके बावजूद गेल ने गोल्डन रंग के स्पार्टन के बल्ले का इस्तेमाल किया। कैरेबियाई बल्लेबाज इस बल्ले से रन बनाने में सफल नहीं रहा लेकिन इसे लेकर विवाद का शिकार जरूर बन गया। बाद में यूनिवर्स बॉस की देखा देखी कई बल्लेबाज़ों को लीग में रंगीन बल्ले से खेलते देखा गया। खास बात यह थी कि गेल द्वारा इस्तेमाल किए गए विवादित बल्ले का निर्माण भारत में ही किया गया था।
#4 आंद्रे रसेल - काले रंग का चमकीले विलो वाला बल्ला
बीबीएल 2016-17 सीज़न के दौरान आंद्रे रसेल ने सभी को अपने बल्ले के रंग और काया से आश्चर्यचकित कर दिया था। वह एक गुलाबी ग्रिप के साथ चमकदार ब्लैक विलो के बल्ले को लेकर मैदान बल्लेबाजी करने आए जिसे लेकर बड़ा विवाद खड़ा हुआ। सोशल मीडिया और क्रिकेट विशेषज्ञ सभी चर्चा कर रहे थे कि क्या इस बल्ले को कानूनों के अनुसार अनुमति दी गई थी।
हालांकि, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने पहले रसेल को उस बल्ले का उपयोग करने के लिए मंजूरी दे दी थी। लेकिन बाद में इस खास एडिशन वाले बल्ले के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया। जिसके चलते आंद्रे रसेल को अपने परंपरागत बल्ले पर स्विच करना पड़ा था।
#3 रिकी पोंटिंग - ग्रेफाइट बैट
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग साल 2004 में एक बल्ले के उपयोग को लेकर विवादों में घिर गए थे। कहा जाता है कि इस बल्ले में कार्बन ग्रेफाइट की परत लगी थी जिसका निर्माण मशहूर कंपनी कुकाबुरा ने किया था। इस बल्ले का इस्तेमाल करते हुए पॉन्टिंग ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट में दोहरा शतक जड़ दिया था। लोगों द्वारा आपत्ति दर्ज करने के बाद एमसीसी ने बल्ले की जांच की। जांच में पता चला कि इस बल्ले से बैट्समैन को शॉट्स लगाने में फायदा होता है। जिसके बाद एमसीसी ने कड़ा फैसला लेते हुए इस बल्ले से खेलने पर रोक लगा दी थी।
#4 थॉमस वॉइड - बैट की चौड़ाई को लेकर हुआ विवाद
वैसे तो क्रिकेट के खेल में बल्ले को लेकर विवाद होना कोई नई बात नहीं है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत से पहले सन् 1771 में एक मैच में विशालकाय बल्ले को लेकर काफी विवाद छिड़ा था। यह मैच 25 सितंबर 1771 को चेर्ट्सी और हैंब्लेटन के बीच खेला गया था जिसमें थामस व्हॉइट एक ऐसे बल्ले का इस्तेमाल किया जिसकी चौड़ाई से पूरा स्टंप कवर हो जाता था। इस बल्ले को लेकर विपक्षी टीम ने एक पेटीशन भी दर्ज की थी जिसके बाद बल्ले के साइज को लेकर कुछ बदलाव किए गए।
#5 मैथ्यू हेडन - मंगूज बैट को लेकर आईपीएल में विवाद
दुनिया की सबसे मशहूर कैश लीग इंडियन प्रीमियर लीग में भी यह वाकया पहले घट चुका है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर मैथ्यू हेडन वैसे तो अपने दमदार शॉट्स के लिए विख्यात रहे हैं। लेकिन आईपीएल 2010 में मंगूज बैट का इस्तेमाल करने के कारण उनका नाता विवाद से जुड़ गया।
यह बल्ला देखने में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले बल्ले जैसा ही था लेकिन इसका हैंडल बल्ले के निचले हिस्से से मुकाबले काफी बड़ा था, जो देखने में किसी बेसबॉल बैट की तरह लगता था। विवाद के बाद हेडेन ने कहा था कि उन्होंने इस बल्ले का इस्तेमाल इसलिए किया क्योंकि इस बल्ले से गेंद हिट करने के बाद तेजी से जाती है।
हेडन ने इस बल्ले से खेलते हुए एक पारी में 43 गेंदों में 93 रन बना दिए। हेडन की विस्फोटक पारी के बाद ही इस बल्ले को लेकर सोशल मीडिया से लेकर क्रिकेट पंडित तक चर्चा करने लगे। हालांकि इस बल्ले की एक खामी भी जिसके एहसास के बाद हेडन ने जल्द अपना बल्ला बदल लिया। दरअसल इस बल्ले से हिट करना तो आसान था लेकिन डिफेंस करना काफी मुश्किल।